"आर्थिक संतुलन": अवतरणों में अंतर

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[[File:Simple supply and demand.svg|thumb|280px|किसी माल या सेवा के क्रय-विक्रय में आर्थिक संतुलन वह स्थिति है जहाँ कीमत वह होती है जिसमें [[माँग (अर्थशास्त्र)|माँग]] (Demand) और [[आपूर्ति (अर्थशास्त्र)|आपूर्ति]] (Supply) बराबर हों। ग्राफ में यह वह बिन्दु है जहाँ माँग वक्र और आपूर्ति वक्र का कटाव होता है।]]
[[File:Price of market balance.gif|thumb|280px|आर्थिक संतुलन वह कीमत निर्धारित करता है जहाँ माँग और आपूर्ति बराबर हो।
{{unordered list
| P – कीमत (मूल्य)
| Q – माल या सेवा की मात्रा
| S – आपूर्ति वक्र (supply curve)
| D – माँग वक्र (demand curve)
| P<sub>0</sub> – संतुलित कीमत
| A – फालतु माँग – जब P&lt;P<sub>0</sub>
| B – फालतु आपूर्ति –जब P&gt;P<sub>0</sub>
}}]]
[[अर्थशास्त्र]] में '''अर्थिक संतुलन''' (economic equilibrium) वह स्थिति होती है जिसमें [[माँग (अर्थशास्त्र)|माँग]] और [[आपूर्ति (अर्थशास्त्र)|आपूर्ति]] आपस में संतुलित होते हैं। किसी भी बाज़ार में [[माल और सेवाओं]] की [[कीमतें]] इसी आर्थिक संतुलन से निर्धारित होती हैं। मसलन यदि किसी समयकाल में प्याज़ की माँग समझी जाए - यानि उसका माँग वक्र (demand curve) बनाया जाए - तथा प्याज़ की आपूर्ति समझी जाए - यानि उसका आपूर्ति वक्र (supply curve) बनाया जाए, तो बाज़ार में प्याज़ के दाम की भविष्यवाणी करी जा सकती है। यह भी बताया जा सकता है कि यदी प्याज़ में अचानक किसी मात्रा में आपूर्ति की कमी या बढ़ौतरी हो जाए तो बाज़ार में उसके दाम कहाँ जाकर रुकेंगे। आर्थिक संतुलन वह बिंदु होता है जहाँ आपूर्ति वक्र और माँग वक्र का कटाव हो।<ref>Ayers & Collins, Microeconomics (Pearson 2003) at 66.</ref><ref>Rosen, Harvey (2005). Public Finance, p. 545. McGraw-Hill/Irwin, New York. ISBN 0-07-287648-4.</ref><ref>Goodwin, N, Nelson, J; Ackerman, F & Weissskopf, T: Microeconomics in Context 2d ed. Page 83 Sharpe 2009</ref>