"जोंक": अवतरणों में अंतर
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'''जोंक''' [[एनिलिडा संघ]] का जन्तु है। यह उभयलिंगी होता है। स्वच्छ जलाशयों में मिलता है। इसका शरीर लम्बा, चपटा एवं खंडों में विभक्त रहता है। यह वाह्य परजीवी है। इसके शरीर के दोनों सिरों पर पोषक से चिपकने के लिए चूषक मिलते हैं। इसके अगले चूषक के मध्य में तिकोना मुखछिद्र होता है।
एक दशक(2009-2019) में जोंक से इलाज 13 गुना तक मंहगा हुआ।
आयुर्वेद में जलोकावारन पद्धति में जोंक से इलाज किया जाता रहा हैं।
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