"फिटकरी": अवतरणों में अंतर
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== परिचय ==
फिटकारी को [[अंग्रेज़ी भाषा|
पहले पहल फिटकरी ऐलम शेल (shale) से बनाई गई थी। यह बड़ी मात्रा में ऐलूनाइट या फिटकरी पत्थर (K<sub>2</sub>SO<sub>4</sub> Al<sub>2</sub>(SO<sub>4</sub>)<sub>3</sub>.4 Al(OH)<sub>3</sub>) के वायु में भंजन, निक्षालन (lixiviation) और क्रिस्टलीकरण से प्राप्त होती है। [[ऐलूनाइट]] से प्राप्त ऐलम को 'रोमन ऐलम' भी कहते हैं। ऐलूमिनों फेरिक के विलयन पर पोटैशियम सल्फेट की क्रिया से भी फिटकारी प्राप्त हो सकती है। फेरिक ऑक्साइड के कारण इसका रंग गुलाबी होता है, यद्यपि विलेय लोहा इसमें बिल्कुल नहीं होता, या केवल लेश मात्र होता है।
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पोटैश ऐलम ९२° सें. पर पिघलता है। २००° सें. पर इसका जल निकल जाता है जिसस यह सरंध्र पुंज में परिणत हो जाता है। इसे 'जली हुई फिटकरी' कहते हैं। वायु में इसके क्रिस्टल प्रस्फुटित होते हैं, जो वायु से [[अमोनिया]] का अवशोषण कर क्षारक लवण में परिवर्तित हो जाते हैं।
फिटकरी का उपयोग [[कागज उद्योग]], रंगसाजी, छींट की छपाई, पेय जल के शोधन और [[चमड़ा]] कमाने में होता है।
ऐलम शब्द जब बहुवचन में प्रयुक्त होता है, तब उससे उन सभी यौगिकों का बोध होता है, जो पोटैश ऐलम से संगठन में समानता रखते हैं। ऐसे यौगिकों में पोटैश का स्थान, लिथियम, सोडियम, अमोनियम, रूबीडीयम, सीज़ियम, टेल्यूरियम धातुएँ तथा हाइड्रॉक्सीलैमिन (NH<sub>4</sub>O) एवं चतुर्थक नाइट्रोजन क्षारक (N(C H<sub>3</sub>)<sub>4</sub>) मूलक ले सकते हैं। ऐलुमिनियम का स्थान क्रोमियम (क्रोम ऐलम), लोहा (लौह ऐलम), मैंगनीज, इरीडियम, गैलियम, वैनेडियम, कोबल्ट इत्यादि ले सकते हैं। विरल मृद धातुएँ ऐलम नहीं बनती। कुछ यौगिकों में (SO<sub>4</sub>) मूलक में सल्फर का स्थान सिलीनियम ले सकता है।
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