"राधा": अवतरणों में अंतर

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'''राधा''' अथवा '''राधिकाअहीर गोपिका राधा'''<ref>{{cite book|first=Śrīkr̥shṇa-JanmasthānaChattar |last=Sevā-SaṃsthānaSingh |title=Rādhākr̥shṇaSocial bhaktakośa,and VolumeEconomic Change in 5Haryana |url=https://books.google.co.incom/books?id=BeBjAAAAMAAJ&q=%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%A7%E0%A4%BE+%E0%A4%97%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%9C%E0%A4%B0reTZAAAAMAAJ&dq |year=%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%A7%E0%A4%BE+%E0%A4%97%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%9C%E0%A4%B0&hl2004 |publisher=en&saNational Book Organisation, 2004 |isbn=X&ved9788187521105 |page=2ahUKEwjxoOWO1_LtAhUScCsKHS5PCcgQ6AEwCXoECAEQAg222}}</ref><ref name=mmwradha>Monier Monier-Williams, [http://www.ibiblio.org/sripedia/ebooks/mw/0900/mw__0909.html Rādhā], Sanskrit-English Dictionary with Etymology, Oxford University Press, page 876</ref> को अक्सर '''गुजरी''' अथवा '''गोपिका राधाराधिका''' भी कहा जाता है,<ref>{{cite book|first=Vani |last=Prakashan |title=Dev Ki Deepshikha |url=https://www.google.co.in/books/edition/Dev_Ki_Deepshikha/vG6-gLPfo80C?hl=en&gbpv=1&dq=radha+gujri&pg=PT14&printsec=frontcover}}</ref> हिन्दू धर्म में विशेषकर [[वैष्णव सम्प्रदाय]] में प्रमुख देवी हैं। वह [[कृष्ण]] की प्रेमिका और संगी के रूप में चित्रित की जाती हैं। इस प्रकार उन्हें [[राधा कृष्ण]] के रूप में पूजा जाता हैं। उनके ऊपर कई काव्य रचना की गई है और [[रासलीला|रास लीला]] उन्हीं की शक्ति और रूप का वर्णन करती है । वैष्णव सम्प्रदाय में राधाको भगवान कृष्ण की शक्ति स्वरूपा भी माना जाता है , जो स्त्री रूप मे प्रभु के लीलाओं मे प्रकट होती हैं |"गोपाल सहस्रनाम" के 19वें श्लोक मे वर्णित है कि महादेव जी द्वारा जगत देवी पार्वती जी को बताया गया है कि एक ही शक्ति के दो रूप है राधा और माधव(श्रीकृष्ण) तथा ये रहस्य स्वयं श्री कृष्ण द्वारा राधा रानी को बताया गया है। अर्थात राधा ही कृष्ण हैं और कृष्ण ही राधा हैं। भारत के धार्मिक सम्प्रदाय निम्बार्क और चैतन्य महाप्रभु इनसे भी राधा को सम्मीलित किया गया है।
 
अधिकतर लोग जो कृष्ण की राधा के बारे मे बाते करते है,राधा कृष्ण के प्रेम की चर्चा किया करते है राधा कृष्ण को मन धन से प्रेमी रूप मे पूजन करती थी और श्री कृष्ण भी अपनी बासुरी को और राधा को अधिकाधिक प्रेम करते थे जिनके प्रेम जोडी आज के नवयुगलों को उत्साहित करते है और राधा और कृष्ण के प्रेम गाथा से प्रेम मे समर्पित होने की प्रेरणा प्रदान करते है। <ref>{{cite book|first=Jai Narain |last=Kaushik · 1995 |title=Krishan katha aur lok sahitya |url=https://www.google.co.in/books/edition/Kr%CC%A5sh%E1%B9%87a_kath%C4%81_aura_loka_s%C4%81hitya/w95jAAAAMAAJ?hl=en&gbpv=1&bsq=radha+gujri&dq=radha+gujri&printsec=frontcover}}</ref>
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"https://hi.wikipedia.org/wiki/राधा" से प्राप्त