"हुमायूँ": अवतरणों में अंतर
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भारत में उन्होने [[शेर शाह सूरी|शेरशाह सूरी]] शेरशाह ने इसे बेलग्राम के युद्ध में पराजित कर दिया था तथा उससे बात से निर्वासित होना पड़ा उसने निर्वासन का कुछ समय काबुल सिंध अमरकोट में बिताया अंत में ईरान के शासक तहमास्य के पास शरण ली । ईरान के शासक की मदद से उसने काबुल कंधार में मध्य एशिया के क्षेत्रों को जीता। उसने 1555 ई० में शेरशाह के अधिकारियों को हराकर एक बार फिर दिल्ली आगरा पर अधिकार कर लिया। 1556 में उसकी मृत्यु हो गई इस के साथ ही, मुग़ल दरबार की संस्कृति भी मध्य एशियन से इरानी होती चली गयी।
बादशाह हुमायूँ के बेटे का नाम जलालुद्दीन मुहम्मद [[अकबर]] था।
== हुमायूँनामा ==
बादशाह हुमायूँ की जीवनी का नाम [[गुलबदन बेगम|हुमायूँनामा]] है जो उनकी बहन [[गुलबदन बेगम|गुलबदन बेग़म]] ने लिखी है। इसमें हुमायूँ को काफी विनम्र स्वभाव का बताया गया है और इस जीवनी के तरीके से उन्होंने हुमायूँ को क्रोधित और उकसाने की कोशिश भी की है।
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बादशाह हुमायू की मृत्यु एक अचानक घटना की वजह से हुई थी वह सीढ़ियों से गिर पड़े थे.
== मुग़ल सम्राटों का कालक्रम ==
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