"कार्तिक (मास)": अवतरणों में अंतर

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[[हिन्दू]] [[पंचांग]] के अनुसार साल के आठवें [[मास|माह]] का नाम '''कार्तिक''' हैं।
 
कार्तिक के महीने में दामोदर भगवान की पूजा की जाती हैं।
 
यह महिना शरद पूर्णिमा से शुरू होकर कार्तिक पूर्णिमा तक चलता है। कार्तिक माह भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी को समर्पित माना जाता है।
 
पुराणों में इस दिन स्नान, व्रत और तप करने वाले को मोक्ष को भागी बताया गया है।
 
कार्तिक मास के सन्दर्भ में स्कन्दपुराण में वर्णित है कि कार्तिक के समान कोई अन्य मास नहीं है। सतयुग के समान कोई युग नहीं है। वेद के समान कोई शास्त्र नहीं है तथा गंगा के समान कोई तीर्थ नहीं है।
 
मान्यता है कि इस माह जो व्यक्ति ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती हैं।
 
कार्तिक मास में भगवान दामोदर यानी ओखल से बंधे हुए श्रीकृष्ण का पूजन करना चाहिए।
 
भगवान दामोदर को दीप दान करने का इस माह में विशेष महत्व है। दीप दान का अर्थ यहां दीप प्रज्जवलित कर दामोदर भगवान की आरती करने से है।
 
इस महीने तप एवम पूजा पाठ उपवास का महत्व होता है, जिसके फलस्वरूप जीवन में वैभव की प्राप्ति होती है
 
इस माह में तप के फलस्वरूप मोक्ष की प्राप्ति होती हैं। इस माह के श्रद्धा से पालन करने पर दीन दुखियों का उद्धार होता है, जिसका महत्त्व स्वयम विष्णु ने ब्रह्मा जी से कहा था।
 
इस माह के प्रताप से रोगियों के रोग दूर होते हैं। जीवन विलासिता से मुक्ति मिलती हैं।
 
मान्यता है कि कार्तिक मास में किया गया धार्मिक कार्य अनन्त गुणा फलदायी होता है। शास्त्रों के अनुसार ये महीना पूरे साल का सबसे पवित्र महीना होता है।
 
इसी महीने में ज्यादातार व्रत और त्यौहार आते है। कार्तिक मास भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है।
 
कार्तिक मास में भगवान कृष्ण के दामोदर रूप की उपासना करने का महत्व है।
 
 
बताया जाता है कि जो लोग इस दौरान भगवान कृष्ण के दामोदर स्वरूप के दर्शन करते हैं और उनकी आराधना करते हैं उनके सभी पापों का नाश होता है।[https://radhe-radhe.net/kartik-maas/]
 
== पर्व एवं त्यौहार ==
* [[शुक्ल पक्ष]] [[षष्ठी]]: [[छठ पूजा]]