"विभज्योतक": अवतरणों में अंतर
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अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) No edit summary |
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'''पादप ऊत्तक''' दो प्रमुख प्रकार के होते हैं - (१) विभाज्योतक (Meristematic) तथा (२) स्थाई ऊतक या अविभाज्योतक▼
▲पादप ऊत्तक दो प्रमुख प्रकार के होते हैं
▲-यह ऊत्तक पौधे में वृद्धि और विकास के लिए उत्तरदायी होता है
(i)
*यह ऊत्तक पादप के शीर्ष भाग और जड़ों की कोशिकाओं में पाया जाता है!
*यह उत्तक पौधे की "प्राथमिक वृद्धि" के लिए उत्तरदायी होता है!
(ii)
* यह तने और जङ की मोटाई के लिए उत्तरदायी होता है!
*यह पौधे की "द्वितीयक वृद्धि" के लिए उत्तरदायी उत्तक है!
(iii) अन्तर्वेशी (intercalary meristem
*किसी पौधे की Node(गांठ) के पास नई शाखा /पत्तियों के निकलने के लिए उत्तरदायी उत्तक यही होता है!
▲स्थाई उत्तक भी दो प्रकार के होते हैं ____
(i) Simple (साधारण उत्तक)
(ii) Complex(जटिल उत्तक)
[[श्रेणी:पादप कार्यिकी]]
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