"आर्थिक संतुलन": अवतरणों में अंतर
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[[File:Haikou wholesale vegetable market - 05.JPG|thumb|280px|चीन के हाइकोऊ शहर में सब्ज़ियों का बाज़ार। [[मुक्त बाज़ार]] में माल और सेवाओं की कीमतें आर्थिक संतुलन द्वारा उत्पन्न होती हैं।]]
[[अर्थशास्त्र]] में '''आर्थिक संतुलन''' (economic equilibrium) वह स्थिति होती है जिसमें [[माँग (अर्थशास्त्र)|माँग]] और [[आपूर्ति (अर्थशास्त्र)|आपूर्ति]] आपस में संतुलित होते हैं। किसी भी बाज़ार में [[माल और सेवाओं]] की [[कीमतें]] इसी आर्थिक संतुलन से निर्धारित होती हैं। मसलन यदि किसी समयकाल में प्याज़ की माँग समझी जाए - यानि उसका माँग वक्र (demand curve) बनाया जाए - तथा प्याज़ की आपूर्ति समझी जाए - यानि उसका आपूर्ति वक्र (supply curve) बनाया जाए, तो बाज़ार में प्याज़ के दाम की भविष्यवाणी करी जा सकती है। यह भी बताया जा सकता है कि यदी प्याज़ में अचानक किसी मात्रा में आपूर्ति की कमी या बढ़ौतरी हो जाए तो बाज़ार में उसके दाम कहाँ जाकर रुकेंगे। आर्थिक संतुलन वह बिंदु होता है जहाँ आपूर्ति वक्र और माँग वक्र का कटाव हो। आर्थिक संतुलन में हस्तक्षेप करना समाज के लिए हानिकारक होता है और अगर बड़े पैमाने पर करा जाए तो इस से [[मृतभार घाटा]] उत्पन्न होता है और [[अभाव अर्थव्यवस्था|अभाव]], [[बेरोज़गारी]] तथा [[
== आर्थिक संतुलन की उत्पत्ति ==
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