"रत्नागिरि": अवतरणों में अंतर
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== इतिहास ==
रत्नागिरि का मराठा इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान है। यह 1731 ई. में सतारा के राजा के अधिकार में आ गया और यह 1818 ई. तक सतारा के कब्जे में रहा। 1818 ई. में इस पर अंग्रेजों ने कब्जा कर लिया। यहां पर एक किला भी है जिसे बीजापुर के राजपरिवार ने बनवाया था। बाद में 1670 ई. में इस किले की शिवाजी महाराज ने मरम्मत करवाई थी।
रत्नागिरि का संबंध महाभारत काल से भी है। कहा जाता है अपने वनवास का तेरहवां वर्ष पांडवों ने रत्नागिरि से सटे हुए क्षेत्र में बिताया था। रत्नागिरि में ही म्यांमार के अंतिम राजा थिबू तथा [[विनायक दामोदर सावरकर]] को कैद कर रखा गया था।
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