"चंगेज़ ख़ान": अवतरणों में अंतर

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खान एक मुसलमानों का सर नामहै लेकिन चंगेज खां मुस्लिम नहीं था, उसका सर नेम केवल खां है।
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== सैनिक जीवन ==
जमूका हँलांकि प्रारंभ में उसका मित्र था, बाद में वो शत्रु बन गया। ११८० तथा ११९० के दशकों में वो ओंग ख़ानख़ा का मित्र रहा और उसने इस मित्रता का लाभ जमूका जैसे प्रतिद्वंदियों को हराने के लिए किया। जमूका को हराने के बाद उसमें बहुत आत्मविश्वास आ गया और वो अन्य कबीलों के खिलाफ़ युद्ध के लिए निकल पड़ा। इनमें उसके पिता के हत्यारे शक्तिशाली ''तातार कैराईट'' और खुद ओंग खानखां शामिल थे। ओंग ख़ान के विरूद्ध उसने १२०३ में युद्ध छेड़ा। १२०६ इस्वी में तेमुजिन, जमूका और नेमन लोगों को निर्णायक रूप से परास्त करने के बाद [[स्तॅपी|स्टेपी]] क्षेत्र का सबसे प्रभावशाली व्य़क्ति बन गया। उसके इस प्रभुत्व को देखते हुए मंगोल कबीलों के सरदारों की एक सभा (कुरिलताई) में मान्यता मिली और उसे '''चंगेज़ ख़ानख़ा''' (समुद्री खान) या ''सार्वभौम शासक'' की उपाधि देने के साथ महानायक घोषित किया गया।
 
कुरिलताई से मान्यता मिलने तक वो मंगोलों की एक सुसंगठित सेना तैयार कर चुका था। उसकी पहली इच्छा [[चीन]] पर विजय प्राप्त करने की थी। चीन उस समय तीन भागों में विभक्त था - उत्तर पश्चिमी प्रांत में [[तिब्बती भाषा|तिब्बती]] मूल के सी-लिया लोग, [[जुरचेन लोग|जरचेन लोगों]] का चीन राजवंश जो उस समय आधुनिक [[बीजिंग]] के उत्तर वाले क्षेत्र में शासन कर रहे थे तथा शुंग राजवंश जिसके अंतर्गत दक्षिणी चीन आता था। १२०९ में सी लिया लोग परास्त कर दिए गए। १२१३ में चीन की महान दीवीर का अतिक्रमण हो गया और १२१५ में पेकिंग नगर को लूट लिया गया। चिन राजवंश के खिलाफ़ १२३४ तक लड़ाईयाँ चली पर अपने सैन्य अभियान की प्रगति भर को देख चंगेज़ खानखा अपने अनुचरों की देखरेख में युद्ध को छोड़ वापस मातृभूमि को मंगोलिया लौट गया।
 
सन् १२१८ में करा खिता की पराजय के बाद मंगोल साम्राज्य [[आमू दरिया|अमू दरिया]], तुरान और ख्वारज़्म राज्यों तक विस्तृत हो गया। १२१९-१२२१ के बीच कई बड़े राज्यों - [[ओट्रार]], [[बुख़ारा|बुखारा]], [[समरक़न्द|समरकंद]], [[बल्ख़]], [[गुरगंज]], [[मर्व]], [[निशापुर]] और [[हेरात]] - ने मंगोल सेना के सामने समर्पण कर दिया। जिन नगरों ने प्रतिशोध किया उनका विध्वंस कर दिया गया। इस दौरान मंगोलों ने बेपनाह बर्बरता का परिचय दिया और लाखों की संख्या में लोगों का वध कर दिया।