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[[File:World Inflation Rate 2019.png|thumb|380px|सन् 2019 में विश्व के विभिन्न देशों में मुद्रास्फीति दर]]
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'''मुद्रास्फीति''' (inflation) या '''महंगाई''' किसी [[अर्थव्यवस्था]] में समय के साथ विभिन्न [[माल और सेवाओं]] की [[कीमतों]] (मूल्यों) में होने वाली एक सामान्य बढ़ौतरी को कहा जाता है। जब सामान्य मूल्य बढ़ते हैं, तब [[मुद्रा (विनिमय माध्यम)|मुद्रा]] की हर ईकाई की [[क्रय शक्ति]] (purchasing power) में कमी होती है, अर्थात् पैसे की किसी मात्रा से पहले जितनी माल या सेवाओं की मात्रा आती थी, उसमें कमी हो जाती है।<ref>[http://www.sedlabanki.is/?PageID=195 Why price stability?] {{webarchive|url=https://web.archive.org/web/20081014031836/http://www.sedlabanki.is/?PageID=195 |date=October 14, 2008 }}, Central Bank of Iceland, Accessed on September 11, 2008.</ref><ref>Paul H. Walgenbach, Norman E. Dittrich and Ernest I. Hanson, (1973), Financial Accounting, New York: Harcourt Brace Javonovich, Inc. Page 429. "The Measuring Unit principle: The unit of measure in accounting shall be the base money unit of the most relevant currency. This principle also assumes that the unit of measure is stable; that is, changes in its general purchasing power are not considered sufficiently important to require adjustments to the basic financial statements."</ref> मुद्रास्फीति का विपरीत '''अपस्फीति''' (deflation) होता है, यानि वह स्थिति जिसमें समय के साथ-साथ माल और सेवाओं की कीमतें गिरती हैं। मुद्रास्फीति का माप [[मुद्रास्फीति दर]] (inflation rate) से करा जाता है, यानि एक वर्ष से दूसरे वर्ष के बीच मूल्य वृद्धि का प्रतिशत। उदाहरण के लिएः 1990 में एक सौ रुपए में जितना सामान आता था, अगर 2000 में उसे खरीदने के लिए दो सौ रुपए व्यय करने पड़े है तो माना जाएगा कि मुद्रा स्फीति शत-प्रतिशत बढ़ गई।<ref>Goodwin, N, Nelson, J; Ackerman, F & Weissskopf, T: Microeconomics in Context 2d ed. Page 83 Sharpe 2009</ref> अधिक मुद्रास्फीति का जनता पर बुरा असर पड़ता है क्योंकि उनकी क्रय शक्ति कम होने से उनकी आर्थिक स्थिति और जीवन स्तर में गिरावट आती है।<ref>"[https://www.google.com/books/edition/Inflation_Theory_in_Economics/k4m8WUu6rWwC Inflation Theory in Economics: Welfare, Velocity, Growth and Business Cycles]," Max Gillman, Taylor and Francis, 2009, ISBN 9781134021741.</ref> भारत में मुद्रा स्फीति का मापन [[थोक मूल्य सूचकांक]] (Wholesale Price Index) तथा औद्योगिक श्रमिक हेतु [[उपभोक्ता मूल्य सूचकांक]] ([[:en:Consumer Price Index|Consumer Price Index]]) से होता है।
[[File:World Inflation Rate 2019.png|thumb|380px|2019]]
'''मुद्रास्फीति''' ([[:en:inflation]]) अर्थ यह होता है कि जब किसी अर्थव्यवस्था में सामान्य कीमत स्तर लगातार बढ़े और मुद्रा का मूल्य कम हो जाए। यह गणितीय आकलन पर आधारित एक अर्थशास्त्रीय अवधारणा है जिससे बाजार में मुद्रा का प्रसार व वस्तुओ की कीमतों में वृद्धि या कमी की गणना की जाती है। उदाहरण के लिएः १९९० में एक सौ रुपए में जितना सामान आता था, अगर २००० में उसे खरीदने के लिए दो सौ रुपए व्यय करने पड़े है तो माना जाएगा कि मुद्रा स्फीति शत-प्रतिशत बढ़ गई।
 
अगर अर्थव्यवस्था में कीमत कुछ समय के लिए बढ़ती है और फिर कम हो जाती है और फिर दुबारा बढ़ती है तो हम इसे मुद्रास्फीति नहीं कहेगें। मुद्रास्फीति में तो सामान्य कीमत स्तर लगातार बढ़ना चाहिए। एक निश्चित आय वर्ग वाले लोगों पर मुद्रास्फीति का बुरा प्रभाव पड़ता है क्योंकि उसकी आय निश्चित होती है और जब कीमतें बढ़ती है तो उनकी क्रय शक्ति कम हो जाती है इस प्रकार एक विकासशील अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीति का बहुत भंयकर प्रभाव पड़ता है।
 
मुद्रा स्फीति समस्त अर्थशास्त्रीय शब्दों में संभवतः सर्वाधिक लोकप्रिय है। किंतु इसे पारिभाषित करना एक कठिन कार्य है। विभिन्न विद्वानों ने इसकी भिन्न-भिन्न परिभाषा दी हैं :
 
* बहुत कम माल के लिए बहुत अधिक धन की आपूर्ति हो जाने से इसका जन्म हो जाता है।
* माल या सेवा की आपूर्ति की तुलना में मांग अधिक हो जाने पर भी इसका जन्म ही जाता हैं।
* आपूर्ति में दोष, गत्यावरोध तथा ढांचागत असंतुलन के चलते भी मुद्रा स्फीति पनपती हैं।
 
सामान्य रूप से इसका अर्थ ये होगा की ये बिना रुके बढ़ती दर से किसी दिए गए कालखण्ड में मूल्य स्तर की वृद्धि हैं जो भविष्य में और अधिक वृद्धि की सम्भावना को बढ़ाती है।
 
भारत में मुद्रा स्फीति का मापन [[थोक मूल्य सूचकांक]] (Wholesale Price Index) तथा औद्योगिक श्रमिक हेतु [[उपभोक्ता मूल्य सूचकांक]] ([[:en:Consumer Price Index]]) से होता है।
 
== मुद्रा स्फीति के कारण ==
 
कारणात्मक रूप से मुद्रा स्फीति के कई कारण हो सकते हैं। इन्हें मुख्य रूप से दो भागो में बाँट सकते हैं: