"ए॰ आर॰ रहमान": अवतरणों में अंतर

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| Background = solo_singer
| Birth_name = ए एस दिलीप कुमार
| Alias = ए आर रहमान
| Alias = ए आर रहमान महान हिन्दू धर्म छोड़कर इस गधे के बच्चे ने इस्लाम अपनाया
| Born = {{birth date and age|1967|1|6|mf=y}} [[चेन्नई]], [[तमिल नाडु]], [[भारत]]
| Instrument =
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}}'''अल्लाह रक्खा रहमान''' लोकप्रिय रूप से '''ए॰ आर॰ रहमान''' भारतीय फिल्मों के प्रसिद्ध संगीतकार हैं, जिन्होंने मुख्य रूप से [[हिन्दी सिनेमा|हिन्दी]] और [[तमिल सिनेमा|तमिल]] फिल्मों में संगीत दिया है। इनका जन्म 6 जनवरी, 1967 को [[चेन्नई]], [[तमिलनाडु]], [[भारत]] में हुआ। जन्मतः उनका नाम ‘अरुणाचलम् शेखर दिलीप कुमार मुदलियार’ रखा गया। धर्मपरिवर्तन के पश्चात उन्होंने अल्लाह रक्खा रहमान नाम धारण किया। ए. आर. रहमान उसीका संक्षिप्त रूप है। रहमान ने अपनी मातृभाषा तमिल के अतिरिक्त हिंदी तथा कई अन्य भाषाओं की फिल्मों में भी संगीत दिया है। [[टाइम्स]] पत्रिका ने उन्हें ''[[मोजार्ट]] ऑफ मद्रास'' की उपाधि दी। रहमान [[गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड]] से सम्मानित होने वाले पहले भारतीय व्यक्ति हैं।<ref>{{cite web |url= http://www.bhaskar.com/2009/01/12/0901120844_golden_globe.html
|title= रहमान का जादू चला जीत लिया गोल्डन ग्लोब अवार्ड|access-date=[[१४ जनवरी]] [[२००९]]|format= एचटीएमएल|publisher=दैनिक भास्कर|language=}}</ref> ए. आर. रहमान ऐसे पहले भारतीय हैं जिन्हें ब्रिटिश भारतीय फिल्म [[स्लम डॉग मिलेनियर]] में उनके संगीत के लिए दो [[ऑस्कर पुरस्कार|ऑस्कर]] पुरस्कार प्राप्त हुए है।<ref>{{cite web|url= http://epaper.sanmarg.in/SM/SM/2009/01/23/index.shtml|title= रहमान को आस्कर में तीन नामांकन|access-date= [[23 जनवरी]] [[२००९]]|format= एचटीएमएल|publisher= सन्मार्ग|language= }}{{Dead link|date=जून 2020 |bot=InternetArchiveBot }}</ref> इसी फिल्म के गीत 'जय हो' के लिए सर्वश्रेष्ठ साउंडट्रैक कंपाइलेशन और सर्वश्रेष्ठ फिल्मी गीत की श्रेणी में दो [[ग्रैमी पुरस्कार]] भी मिले।<ref>[http://www.patrika.com/news.aspx?id=317963 रहमान को ग्रैमी अवार्ड]। पत्रिका। १ फ़रवरी २०१०</ref>
 
== प्रारंभिक जीवन ==
नहींरहमान सुननाको चाहिएसंगीत अपने पिता से विरासत में मिली है। उनके पिता राजगोपाल कुलशेखर (आर.संगीतत के. शेखर) मलयालम फ़िल्मों में संगीतकार थे। रहमान ने संगीत की शिक्षा मास्टर धनराज से प्राप्त की। मात्र ११ वर्ष की उम्र में अपने बचपन के मित्र शिवमणि के साथ रहमान बैंड रुट्स के लिए की-बोर्ड (सिंथेसाइजर) बजाने का कार्य करते थे। वे इलैयराजा के बैंड के लिए भी काम करते थे। चेन्नई के "नेमेसिस एवेन्यू" बैंड की स्थापना का श्रेय रहमान को ही जाता है। वे की-बोर्ड, पियानो, हारमोनियम और [[गिटार]] भी बजा लेते है। वे सिंथेसाइजर को कला और टेक्नोलॉजी का अद्भुत संगम मानते हैं। रहमान जब नौ साल के थे तब उनके पिता की मृत्यु हो गई थी और परिस्थितियाँ इतनी बिगड़ गई कि पैसों के लिए घरवालों को रहमान के पिता के वाद्य यंत्रों को भी बेचना पड़ा। इसी बीच उनके परिवार ने [[इस्लाम]] धर्म अपनाया।<ref>{{cite web|url=https://scroll.in/article/699665/why-i-converted-the-transformation-of-dilip-kumar-into-ar-rahman|title=Why I converted: The transformation of Dilip Kumar into AR Rahman|access-date=8 सितंबर 2018|archive-url=https://web.archive.org/web/20181230044544/https://scroll.in/article/699665/why-i-converted-the-transformation-of-dilip-kumar-into-ar-rahman|archive-date=30 दिसंबर 2018|url-status=dead}}</ref> बैंड ग्रुप में काम करते हुए ही उन्हें [[लंदन]] के ट्रिनिटी कॉलेज ऑफ म्यूजिक से स्कॉलरशिप भी मिली, जहाँ से उन्होंने पश्चिमी शास्त्रीय संगीत में डिग्री प्राप्त की।<ref>{{cite web|url= http://hindi.webdunia.com/entertainment/film/articles/0901/13/1090113048_1.htm|title= एआर रहमान : दिल से...|access-date= [[१४ जनवरी]] [[२००८]]|format= एचटीएमए|publisher= वेब दुनिया|language= |archive-url= https://web.archive.org/web/20120531000109/http://hindi.webdunia.com/entertainment/film/articles/0901/13/1090113048_1.htm|archive-date= 31 मई 2012|url-status= dead}}</ref>
रहमान को संगीत अपने पिता से विरासत में मिली है। उनके पिता राजगोपाल कुलशेखर (आर. के. शेखर) मलयालम फ़िल्मों में संगीतकार थे। महान हिन्दू धर्म को छोड़कर इस गधे के बच्चे ने इस्लाम अपनाया. ऐसे भगोड़े धर्मद्रोहियों का संगीत हम हिन्दुओं ने
नहीं सुनना चाहिए.संगीतत की शिक्षा मास्टर धनराज से प्राप्त की। मात्र ११ वर्ष की उम्र में अपने बचपन के मित्र शिवमणि के साथ रहमान बैंड रुट्स के लिए की-बोर्ड (सिंथेसाइजर) बजाने का कार्य करते थे। वे इलैयराजा के बैंड के लिए भी काम करते थे। चेन्नई के "नेमेसिस एवेन्यू" बैंड की स्थापना का श्रेय रहमान को ही जाता है। वे की-बोर्ड, पियानो, हारमोनियम और [[गिटार]] भी बजा लेते है। वे सिंथेसाइजर को कला और टेक्नोलॉजी का अद्भुत संगम मानते हैं। रहमान जब नौ साल के थे तब उनके पिता की मृत्यु हो गई थी और परिस्थितियाँ इतनी बिगड़ गई कि पैसों के लिए घरवालों को रहमान के पिता के वाद्य यंत्रों को भी बेचना पड़ा। इसी बीच उनके परिवार ने [[इस्लाम]] धर्म अपनाया।<ref>{{cite web|url=https://scroll.in/article/699665/why-i-converted-the-transformation-of-dilip-kumar-into-ar-rahman|title=Why I converted: The transformation of Dilip Kumar into AR Rahman|access-date=8 सितंबर 2018|archive-url=https://web.archive.org/web/20181230044544/https://scroll.in/article/699665/why-i-converted-the-transformation-of-dilip-kumar-into-ar-rahman|archive-date=30 दिसंबर 2018|url-status=dead}}</ref> बैंड ग्रुप में काम करते हुए ही उन्हें [[लंदन]] के ट्रिनिटी कॉलेज ऑफ म्यूजिक से स्कॉलरशिप भी मिली, जहाँ से उन्होंने पश्चिमी शास्त्रीय संगीत में डिग्री प्राप्त की।<ref>{{cite web|url= http://hindi.webdunia.com/entertainment/film/articles/0901/13/1090113048_1.htm|title= एआर रहमान : दिल से...|access-date= [[१४ जनवरी]] [[२००८]]|format= एचटीएमए|publisher= वेब दुनिया|language= |archive-url= https://web.archive.org/web/20120531000109/http://hindi.webdunia.com/entertainment/film/articles/0901/13/1090113048_1.htm|archive-date= 31 मई 2012|url-status= dead}}</ref>
 
== व्यक्तिगत जीवन ==