"किण्वन": अवतरणों में अंतर

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(उददेश्य;) गेहु(आटा),चना(आटा),आलू रस , गाजर रस आदि पदार्थों पर किण्वन दर का तुलनात्मक अध्ययन ।
{{आधार|date=जनवरी 2018}}
(आवश्यक उपकरण तथा पदार्थ); परखनली,कोनिकल फ्लास्क ,जल ऊष्मक , गाजर रस,आलू का रस,गेहूँ का आटा,चना का आटा,फेहलिगं विलयन (A+B), आसुत जल , पाश्चर जूस , बेकर यीस्ट इत्यादि ।
{{स्रोतहीन|date=जनवरी 2018}}
(सिद्धान्त); फलो के रसों में उपस्थित सुकोज को इन्वटेज एंजाइम ग्लूकोज तथा फृक्टोज में जल अपघटित कर देता है जबकि जाइमेज ग्लूकोज का ऐल्कोहॉल तथा काबन ङाई आक्साइड में परिवर्तित कर देता है ।
[[चित्र:Fermenting.jpg|thumb|right|किण्वन की क्रिया]]
ग्लूकोज + जल = ग्लूकोज +फृक्टोज
[[Image:Ethanol fermentation es.svg|right|thumb|एथनॉल का किण्वन]]
ग्लूकोज = ऐल्कोहॉल + काबन ङाई आक्साइड
'''किण्वन''' एक जैव-रासायनिक क्रिया है। इसमें जटिल कार्बनिक यौगिक [[सूक्ष्मजीव|सूक्ष्म सजीवों]] की सहायता से सरल कार्बनिक यौगिक में विघटित होते हैं। इस क्रिया में [[ऑक्सीजन]] की आवश्यकता नहीं पड़ती है। किण्वन के प्रयोग से अल्कोहल या [[शराब]] का निर्माण होता है। पावरोटी एवं बिस्कूट बनाने में भी इसका उपयोग होता है। [[दही]], [[सिरका]] एवं अन्य रासायनिक पदार्थों के निर्माण में भी इसका प्रयोग होता है।
ग्लूकोज एक अपचायक शकरा है जो फेहलिगं विलयन के साथ लाल अवछेप देती है ।जब सम्पूर्ण ग्लूकोज का किण्वन हो जाता है तो फेहलिगं विलयन के साथ लाल अवशेष नहीं बनता है ।
 
(प्रयोग विधि) ;
किण्वन एक चयापचय प्रक्रिया है जो एंजाइम की कार्रवाई के माध्यम से कार्बनिक सब्सट्रेट में रासायनिक परिवर्तन पैदा करती है। जैव रसायन में, इसे ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में कार्बोहाइड्रेट से ऊर्जा की निकासी के रूप में परिभाषित किया गया है। खाद्य उत्पादन के संदर्भ में, यह मोटे तौर पर किसी भी प्रक्रिया को संदर्भित कर सकता है जिसमें सूक्ष्मजीवों की गतिविधि खाद्य पदार्थों या पेय के लिए वांछनीय परिवर्तन लाती है। किण्वन के विज्ञान को जीव विज्ञान के रूप में जाना जाता है।
1) चार परखनलीयो पर A,B,C,D मारक कर देते है ।
 
2) परखनली में कमसह 1मिली गाजर रस, 1मिली आलू का रस आदि लेते है ।
सूक्ष्मजीवों में, किण्विक रूप से कार्बनिक पोषक तत्वों के क्षरण द्वारा एटीपी उत्पादन का प्राथमिक साधन है। नवपाषाण युग से ही मनुष्य ने खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों के उत्पादन के लिए किण्वन का उपयोग किया है। उदाहरण के लिए, किण्वन का उपयोग एक ऐसी प्रक्रिया में संरक्षण के लिए किया जाता है जो ऐसे खट्टे खाद्य पदार्थों में पाया जाता है जैसे कि मसालेदार खीरे, किमची, और दही के साथ-साथ शराब और बीयर जैसे मादक पेय पदार्थों के उत्पादन के लिए। किण्वन मनुष्यों सहित सभी जानवरों के जठरांत्र संबंधी मार्ग के भीतर होता है।
किण्वन की क्रिया में कार्बन डाइऑक्साइड गैस निकलती है । aalo ka rash gajar ka rash aaadi ka kidawan
 
[[श्रेणी:जैवरसायनिकी]]
[[श्रेणी:श्वसन]]