"पुष्कर": अवतरणों में अंतर

No edit summary
टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
पंक्ति 69:
 
== इतिहास ==
पुष्कर के उद्भव का वर्णन [[पद्म पुराण|पद्मपुराण]] मेंतथा मिलतामहाभारत में है। कहा जाता है, ब्रह्मा ने यहाँ आकर यज्ञ किया था। हिंदुओं के प्रमुख तीर्थस्थानों में पुष्कर ही एक ऐसी जगह है जहाँ ब्रह्मा का मंदिर स्थापित है। ब्रह्मा के मंदिर के अतिरिक्त यहाँ सावित्री, बदरीनारायण, वाराह और शिवअतमटेश्वर आत्मेश्वर(शिवआत्मेश्वर) के मंदिर है, किंतु वे आधुनिक हैं। यहाँ के प्राचीन मंदिरों को मुगल सम्राट् औरंगजेब ने नष्टभ्रष्ट कर दिया था। पुष्कर झील के तट पर जगह-जगह पक्के घाट बने हैं जो राजपूताना के देशी राज्यों के धनीमानी व्यक्तियों द्वारा बनाए गए हैं।
 
पुष्कर का उल्लेख [[रामायण]] में भी हुआ है। सर्ग ६२ श्लोक २८ में विश्वामित्रोsपि धर्मात्मा भूयस्तेपे महातपाः।
पंक्ति 77:
 
इन लेखों से पता चलता है कि ई. सन् के आरंभ से या उसके पहले से पुष्कर तीर्थस्थान के लिए विख्यात था। स्वयं पुष्कर में भी कई प्राचीन लेख मिले है जिनमें सबसे प्राचीन लगभग ९२५ ई. सन् का माना जाता है। यह लेख भी पुष्कर से प्राप्त हुआ था और इसका समय १०१० ई. सन् के आसपास माना जाता है।
यहाँ मुख्य पुष्कर के अतिरिक्त मध्य पुष्कर नामक तीर्थ स्थान भी है जिसे विष्णु पुष्कर भी कहते है । यहाँ एक प्राचीन बावड़ी स्थित है। इसके अतिरिक्त वृद्ध या बूढा पुष्कर नामक बावड़ी सरोवर भी स्थित है
 
== पुष्कर मेला ==