"प्रत्यक्ष बिक्री": अवतरणों में अंतर
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डायरेक्ट सेलिंग व्यवसाय में [[भारत]] में अपार संभावनाएं हैं। पूरे दुनियाभर में भारत प्रत्यक्ष बिक्री के मामले में ११वें पायदान पर तथा इससे प्राप्त राजस्व के मामले में २३ वें स्थान पर है। २००८-०९ के सर्वे के अनुसार यह व्यवसाय ३३३०० मिलियन का था। व्यवसाय को पारदर्शी बनाने हेतु इण्डियन डायरेक्ट सेलिंग असोसिएशन का भी निर्माण हुआ जिसमें कुछ कम्पनियां सम्मिलित हैं। साथ ही सितंबर २०१६ में भारतीय राजपत्र में प्रत्यक्ष बिक्री के नियमों का लेखन भी हुआ।<ref>http://m.hindi.webdunia.com/career-planning/डायरेक्ट-सेलिंग-में-अपार-संभावनाएँ-109112600057_1.htm</ref>
वर्ष 2017 में भारतीय प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग ने 1.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 10000 करोड़ रुपए) की खुदरा बिक्री की और तीन वर्ष की अवधि में यह 5.8 प्रतिशत सीएजीआर दर से बढ़ा। देश में प्रत्यक्ष बिक्री के माध्यम से 50 लाख से अधिक लोग अंशकालिक या पूर्ण कालिक कमाई करते हैं। विश्लेषकों का अनुमान है कि भारतीय प्रत्यक्ष बिक्री बाजार केवल पाँच वर्ष में लगभग 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर (64500 करोड़ रुपए) का हो जाएगा और करीब 20 मिलियन (2 करोड़) स्वरोजगार के अवसर निर्मित करेगा। भारत के रोजगार में प्रत्यक्ष बिक्री का पहले ही बहुत प्रभाव है खासकर महिलाओं को कार्यबल में वापस लाने के लिहाज से। प्रशिक्षण तक पहुंच स्पष्ट क्षतिपूर्ति योजनाएं और कार्य की लोचशील अवधि हमेशा से प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग के आकर्षण रहे हैं। <ref>[https://money.bhaskar.com/news/MON-ECN-POLI-direct-sales-industry-is-giving-jobs-to-millions-of-people-in-india-for-decades-1559553876.html पाँच वर्ष में लगभग 64500 करोड़ रुपए का हो जाएगा भारत में डायरेक्ट सेलिंग का बाजार, 2 करोड़ रोजगार के अवसर निकलने की संभावना]{{Dead link|date=जनवरी 2021 |bot=InternetArchiveBot }}</ref>
[[इंडियन डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन]] भारत में प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग डायरेक्ट सेलिंग का स्वायत्त, विनियामक निकाय है। यह संगठन उद्योग तथा सरकार के नीति निर्माता निकायों के बीच तालमेल बनाने का काम करता है और देश में प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग के सरोकारों को उठाता है।
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