"देवदार": अवतरणों में अंतर
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'''देवदार''' ( [[वैज्ञानिक नाम]]:सेडरस डेओडारा, [[अंग्रेज़ी]]: डेओडार, [[उर्दु]]: ديودار ''देओदार''; [[संस्कृत]]: देवदारु) एक सीधे तने वाला ऊँचा पेड़ है, जिसके पत्ते लंबे और कुछ गोलाई लिये होते हैं तथा जिसकी लकडी मजबूत किन्तु हल्की और सुगंधित होती है। यह इमारतों में काम आती है।<ref>[http://hi.w3dictionary.org/index.php?q=cedar हिन्दी शब्दकोष पर देवदार]</ref> यह पश्चिमी [[हिमालय]] , पूर्वी [[अफगानिस्तान]], उत्तरी [[पाकिस्तान]], [[उत्तरी भारत|उत्तर]]-[[मध्य भारत]] के [[हिमाचल प्रदेश]], [[उत्तराखंड]], [[जम्मू एवं कश्मीर]] तथा दक्षिण-पश्चिमी [[तिब्बत]] एवं पश्चिमी [[नेपाल]] में १५००-३२०० [[मीटर]] की ऊंचाई पर पाया जाता है। यह एक [[शंकुधारी वृक्ष]] होता है, जिसकी ऊंचाई ४०-५० मी. तक, और कभी-कभार ६० मी. तक होती है। इसके तने २ मीटर तक और खास वृक्षों में ३ मीटर तक के होते हैं। <ref name=farjon>फारजोन ए. ([[१९९०]]). ''पाइनेसी ड्रॉइंग एंड डिस्क्रिपशन ऑफ द जेनेरा''. कोएल्ज़ साइंटिफिक बुक्स ISBN 3-87429-298-3.</ref> इसे स्निग्ध और काष्ठ दारु लोक में अशेक वृक्ष के नाम से प्रसिद्व है। स्निग्ध देवदारु की लकड़ी और तेल दवा बनाने के काम में भी आते हैं। इसके अन्य नामों में देवदारु प्रसिद्ध है। यह निचले पहाड़ी क्षेत्रों में पाया जाता है।<ref>[http://pustak.org/bs/home.php?mean=47570 भारतीय साहित्य संग्रह- शब्दकोष पर देवदारु]</ref>
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Image:Cedrus deodara Lokrum.jpg
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