"यूनानी भाषा": अवतरणों में अंतर

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== प्राचीन साहित्य का अवसानकाल ==
 
ईसा पूर्व तृतीय शताब्दी के आरंभ में ग्रीक साहित्य अवसान की ओर अग्रसर होने लगा। [[सिकंदर]] के पिता फिलिप्स् द्वितीय ने यूनानी स्वतंत्र राष्ट्रों की सत्ता पर कुठाराघात किया और सिकंदर ने स्वयं अपनी विश्वविजय की युगांतरकारी यात्रा में यूनानी साहित्य तथा संस्कृति को सार्वभौम बनाने का सक्रिय प्रयास किया। इस प्रकार यूनान के बाहर कुछ ऐसे केंद्रों का निर्माण हुआ जहाँ ग्रीक भाषा और साहित्य का अध्ययन नए ढंग से किंतु प्रचुर उत्साह के साथ होने लगा। इन केंद्रों में प्रमुख [[मिश्र]] की राजधानी अलेक्षिन्द्रिया/एलेक्षिन्द्रिया/सिकन्द्रिया है, जहाँ पर यूनानी साहित्य, दर्शन तथा विज्ञान के हस्तलिखित ग्रंथों का एक विशाल पुस्तकालय बन गया जिसका विनाश ईसा पूर्व पहली सदी में जनरल आंतोनी के समय हुआ। इस नए केंद्र के लेखक तथा विद्वान् यूनान के लेखकों से प्रभावित तथा अनुप्राणित थे और विशेषकर विज्ञान क्षेत्र में उनका कार्य विशेष सराहनीय हुआ। परंतु साहित्य क्षेत्र में सृजनात्मक प्रतिभा का स्थान आलोचना तथा व्याकरण और व्याख्या साहित्य ने ले लिया। फलस्वरूप पुराने साहित्य की व्याख्या के साथ साथ बहुत से ग्रंथों की विशेषताओं की रक्षा संभव हुई। इस काल की कविता में नवीन तत्वों का विकास स्पष्ट है परंतु उसे साथ ही यह भी प्रकट है कि कविता का दायरा संकुचित हो गया और कविता जनता के लिये नहीं विशेषज्ञों के लिये लिखी जाने लगी। शैली कृत्रिम तथा अलंकारों से बोझिल हो गई और शब्दचयन में भी पांडित्य का आडंबर खड़ा हुआ। कवियों में मुख्य नाम है थियोक्रेतस का जो देहाती जीवन संबंधी गोचारण साहित्य (पैस्टोरल) के स्त्रष्टा माने जाते हैं और एपोलोनियस तथा कालीमैक्स का विशेष संबंध क्रमश: महाकाव्य और फुटकर गीतकाव्य, जैसे "एलिजी" और "एविग्रामों" से है।
 
== ग्रीक-रोमन काल ==