"राव जैताजी राठौड़": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
आधार टैग जोड़ा गया । टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
||
पंक्ति 5:
युद्ध के बाद शेरशाह के खुद के शब्द थे -
"''मूठी खातर बाजरी, खो देतो हिंदवाण ।''"
अर्थात : ''<big>"आज मैं मुट्ठी भर बाजरे के लिए पूरा [[हिंदुस्तान]] खो देता ।"</big>''<ref name=Mahajan>Mahajan, V.D. (1991, reprint 2007). ''History of Medieval India'', Part II, New Delhi: S. Chand, {{ISBN|81-219-0364-5}}, p.43</ref>
{{आधार}}
==राजपुरोहितों का योगदान==
|