"शिव ब्रत लाल": अवतरणों में अंतर
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'''शिव ब्रत लाल''' वर्मन का जन्म सन् 1860 ईस्वी में भारत के राज्य उत्तर प्रदेश के भदोही ज़िला में हआ था. वे दाता दयाल महर्षि जी के नाम से भी प्रसिद्ध हुए. वे स्नातकोत्तर (एम.ए., एल.एल.डी.) तक पढ़े थे और लेखक के रूप में बहुत ख्याति पाई. ऐसा माना जाता है कि उन्होंने विभिन्न विषयों यथा सामाजिक, ऐतिहासिक, धार्मिक और आध्यात्मिक विषयों पर लगभग 3000 पुस्तकें और पुस्तिकाएँ लिखीं. राधास्वामी मत आदि पर लिखी उनकी अनेक पुस्तकों के कारण उन्हें 'राधास्वामी मत का महर्षि वेद व्यास' भी कहा गया और वे महर्षि के नाम से जाने गए. “पूरी तरह, हर तरह और हर बात में मनुष्य बनो” उनकी प्रसिद्ध उक्ति है.. <ref>{{cite book
|title=अंतर्राष्ट्रीय मानवता केंद्र
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