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अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) |
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* [[पलवल]]
* [[कासगंज]]
गंगा के पार इसका प्रचार [[बदायूँ]], [[बरेली]] होते हुए [[नैनीताल]] की तराई, [[उत्तराखंड]] के [[उधम सिंह नगर]] जिले तक चला गया है। उत्तर प्रदेश के अलावा इस भाषा का प्रचार [[राजस्थान]] के इन जिलों में भी है:
उपर्युक्त वाक्यों के [[सर्वनाम]] पद "बउ" तथा "बो" में संधिराहित्य तथा संधि की अवस्थाएँ दोनों भाषाओं की प्रकृतियों को स्पष्ट करती हैं।
== ब्रजभाषा की बोलियाँ ==▼
ब्रजभाषा एक साहित्यिक एवं स्वतंत्र भाषा है और इसकी अपनी कई बोलियाँ हैं। ब्रजभाषा क्षेत्र की भाषागत विभिन्नता को दृष्टि में रखते हुए हम उसका विभाजन निम्नांकित रूप में कर सकते हैं :
(1) ''' केंद्रीय ब्रज अर्थात् आदर्श ब्रजभाषा''' - अलीगढ़, मथुरा तथा पश्चिमी आगरे की ब्रजभाषा को "आदर्श ब्रजभाषा" नाम दिया जा सकता है।
(2) '''
(3) ''' राजस्थान की जयपुरी से प्रभावित ब्रजभाषा''' - यह भरतपुर तथा उसके दक्षिणी भाग में बोली जाती है।
[[ग्वालियर]] (पश्चिमी भाग) में - "बानैं एक् बोकरा पाल लओ। तब बौ आनंद सै रैबे लगो।""
▲== ब्रजभाषा की बोलियाँ ==
==ब्रजभाषा का व्याकरण==
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