"बाबर": अवतरणों में अंतर
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ज़हीरुद्दीन मुहम्मद बाबर (14 फ़रवरी 1483 - 26 दिसम्बर 1530) जो''' बाबर''' के नाम से विख्यात हुआ, वह "मुगल वंश" का शासक था । उसका जन्म मध्य एशिया के वर्तमान उज़्बेकिस्तान में हुआ था। वह भारत में [[मुग़ल साम्राज्य|मुगल वंश]] का संस्थापक
== आरंभिक जीवन ==
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[[मंगोल|मंगोल जाति]] (जिसे फ़ारसी में मुगल कहते थे) का होने के बावजूद उसकी जनता और अनुचर [[तुर्क]] तथा [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]] लोग थे। उसकी सेना में तुर्क, फारसी, [[पश्तो भाषा|पश्तो]] के अलावा बर्लास तथा मध्य एशियाई कबीले के लोग भी थे।
कहा जाता है कि बाबर बहुत ही तगड़ा और शक्तिशाली था। ऐसा भी कहा जाता है कि सिर्फ़ व्यायाम के लिए वो दो लोगों को अपने दोनो कंधों पर लादकर उन्नयन ढाल पर दौड़ लेता था। लोककथाओं के अनुसार बाबर अपने राह में आने वाली सभी नदियों को तैर कर पार करता था। उसने गंगा को दो बार तैर कर पार किया।<ref name="ref29vozeq">[http://books.google.com/books?id=Y7fUHMEDAyEC A comprehensive history of medieval IndiaVolume 2 of A comprehensive history of India] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20140627143223/http://books.google.com/books?id=Y7fUHMEDAyEC |date=27 जून 2014 }}, Pran Nath Chopra, B.N. Puri, M.N. Das, Sterling Publishers Pvt. Ltd, 2003, ISBN 978-81-207-2508-9, ''... Bold, courageous, energetic and adventurous, he was physically so strong that with one man under each arm, he could run along the rampart of a fort without any difficulty ...''</ref>
=== नाम ===
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