"पुष्यमित्र शुंग": अवतरणों में अंतर

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'''पुष्यमित्र शुंग''' (१८५ – १४९ ई॰पू॰) पुष्यमित्र शुंग को शुंग वंश का संस्थापक माना जाता है।
 
M मगध पर शुंग राजवंशवाश की नींव रखी उत्तर भारत के पुष्यमित्र एक राजा थे।
 
[[शुंग राजवंश|शुंग साम्राज्य]] का संस्थापक और प्रथम राजा थे। इससे पहले वे [[मौर्य राजवंश|मौर्य साम्राज्य]] में सेनापति थे। १८५ ई॰पूर्व में शुंग ने अन्तिम मौर्य सम्राट ([[बृहद्रथ मौर्य|बृहद्रथ] अहिंसा विरोधी नीतियों के कारण उनका वध कर स्वयं को राजा उद्घोषित किया। उसके बाद उन्होंने अश्वमेध यज्ञ किया और उत्तर भारत का अधिकतर हिस्सा अपने अधिकार क्षेत्र में ले लिया। शुंग राज्य के [[अभिलेख|शिलालेख]] [[पंजाब क्षेत्र|पंजाब]] के [[जलंधर|जालन्धर]] में मिले हैं और [[दिव्यावदान]] के अनुसार यह राज्य सांग्ला (वर्तमान [[सियालकोट]]) तक विस्तृत थपुष्यमित्र शुंग: जिसने मौर्य साम्राज्य के साथ-साथ बौद्ध धर्म का भी अंत कर दिया!
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हालांकि, पुष्यमित्र शुंग ने बृहद्रथ की देश व जनविरोधी कार्य करने के कारण आमने-सामने की लड़ाई में मार कर, मौर्य साम्राज्य का खात्मा कर भारत में दोबारा से वैदिक धर्म की स्थापना की थी. इससे पहले इन्होंने बौद्ध धर्म का लगभग विनाश कर ही दिया था.
 
आखिर क्यों और कैसे पुष्यमित्र शुंग ने मौर्य साम्राज्य का खात्मा किया? आइए, जानते हैं –
 
वैदिक धर्म का पतन