"शेर शाह सूरी": अवतरणों में अंतर
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'''शेरशाह सूरी''' (1486 - 22 मई 1545) ([[फारसी]]/[[पश्तो]]: فريد خان شير شاہ سوري, जन्म का नाम फ़रीद खाँ) [[भारत]] में जन्मे [[पठान
एक शानदार रणनीतिकार, शेर शाह ने खुद को सक्षम सेनापति के साथ ही एक प्रतिभाशाली प्रशासक भी साबित किया। 1540-1545 के अपने पांच साल के शासन के दौरान उन्होंने नयी नगरीय और सैन्य प्रशासन की स्थापना की, पहला [[रुपया]] जारी किया है, [[भारत]] की डाक व्यवस्था को पुनः संगठित किया और [[अफ़गानिस्तान]] में काबुल से लेकर [[बांग्लादेश]] के चटगांव तक ग्रांड ट्रंक रोड को बढ़ाया।<ref name="Zee News">{{cite web|url=http://zeenews.india.com/hindi/news/lok-sabha-elections-2014/five-year-reign-of-sher-shah-had-done-enormous-work-in-public-interest/207472|title=5 साल में शेरशाह ने किए थे जनहित के बेमिसाल काम|accessdate=१६ मई २०१४|date=२० अप्रैल २०१४|publisher=ज़ी न्यूज़|archive-url=https://web.archive.org/web/20140508025640/http://zeenews.india.com/hindi/news/lok-sabha-elections-2014/five-year-reign-of-sher-shah-had-done-enormous-work-in-public-interest/207472|archive-date=8 मई 2014|url-status=live}}</ref> साम्राज्य के उसके पुनर्गठन ने बाद में [[मुगल साम्राज्य|मुगल सम्राटों]] के लिए एक मजबूत नीव रखी विशेषकर हुमायूँ के बेटे [[अकबर]] के लिये। द्वारका
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