"बुध (ग्रह)": अवतरणों में अंतर

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बुध की कक्षा चुंकि पृथ्वी की कक्षा ([[शुक्र (ग्रह)|शुक्र]] के भी) के भीतर स्थित है, यह पृथ्वी के आसमान में सुबह में या शाम को दिखाई दे सकता है, परंतु अर्धरात्रि को नहीं। पृथ्वी के सापेक्ष अपनी कक्षा पर सफर करते हुए यह शुक्र और हमारे चन्द्रमा की तरह कलाओं के सभी रुपों का प्रदर्शन करता है। हालांकि बुध ग्रह बहुत उज्जवल वस्तु जैसा दिख सकता है जब इसे पृथ्वी से देख जाए, सूर्य से इसकी निकटता शुक्र की तुलना में इसे देखना और अधिक कठिन बनाता है।
 
तथ्य -- बुध ग्रह ही एकमात्र ऐसा ग्रह है जो सिर्फ सूर्य का ही चक्कर लगाता है और बाकी सभी ग्रह कहीं न कहीं न चाहते हुये भी ग्रहों का चक्कर लगाते है जैसे- शुक्र सूर्य से दूसरा ग्रह है तो वह सूर्य तथा पहला ग्रह (बुध) का भी चक्कर लगा ही देगा वैसे ही प्रथ्वी सूर्य से तीसरा ग्रह होने के कारण सूर्य का चक्कर लगाते समय पहला ग्रह (बुध) तथा दूसरा ग्रह (शुक्र) के भी चक्कर लगा ही देगा edit by Raghavendra
 
== आंतरिक गठन ==
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मैरीनर से प्राप्त आंकड़े बताते है कि बुध पर कुछ ज्वालामुखी गतिविधियां है लेकिन इसे प्रमाणित करने के लिए कुछ और आंकड़े चाहिये। आश्चर्यजनक रूप से बुध के उत्तरी ध्रुवों के क्रेटरों में जलीय बर्फ के प्रमाण मिले है। इसके प्रमाण रडार से भी मिले थे
 
== उपग्रह ==
== ज्योतिष के अनुसार ==
बुध का कोई उपग्रह नहीं है।
बुध भगवन देखने और ऑब्जरवेशन, नापतोल और कामनसेंस का प्रतीक है। ये हमारे लिखने बोलने और पढने के कौशल को दर्शाते है। ये सभी ग्रहों से मित्रता रखते है ओर उन्हें अडॉपट करते है ये जातक की मंटैलिटी और विचारो को दर्शाते है। इन से मिलने वाले अस्सपेक्ट अच्छे या बुरे व्यक्ति को मानसिक तोर पर प्रभावित करते है। बुध खराब हो तो जातक कुछ नही कर सकता क्यों की अगर दिमाग और बुद्धि अच्छी नही है तो बाकि गृह क्या कर पायेगे बुध जातक की व्यापारिक योगता के बारे में बताता है की वह वह किस क्षेत्र के बारे में सोचता है। खाकी किताब में आचार्य यूनीक लिखते है कि बुध हमारी कोशालता और पढाई को दर्शाते है। ये गुण तीसरे भाव में आते है साधारण सी बात है ज्ञान, कोशल ओर शिक्षा को रूटीन चाहिए। जब हम अपने कार्यों को डेली रूटीन में उसे करोगे तो हम शुभ परिणाम मिलते है। बुध भगवान् देखने और ऑब्जरवेशन, नापतोल और कामनसेंस का प्रतीक है। बुध हमारे लिखने बोलने और पढने के कौशल को दर्शाते है। ये सभी ग्रहों से मित्रता रखते है और उन के गुणों को अपनाते हैं। ये जातक की मंटैलिटी और विचारो को दर्शाते है। इन से मिलने वाले अस्सपेक्ट अच्छे या बुरे व्यक्ति को मानसिक तोर पर प्रभावित करते है बुध खराब हो तो जातक कुछ नही कर सकता क्यों की अगर दिमाग और बुद्धि अच्छी नही है तो बाकि गृह क्या कर पायेगे बुध जातक की व्यापारिक योगता के बारे में बताता है की वह वह किस क्षेत्र के बारे में सोचता है। बुध कोशालता और पढाई को दर्शाते है ये गुण तीसरे भाव में आते है। साधारण सी बात है ज्ञान, कौशल और शिक्षा को रूटीन चाहिए। जब हम अपने कार्यों को अच्छी रूटीन से करोगे तो बुध के पूर्ण लाभ प्राप्त होते है - khaki Kitab [[https://www.amazon.in/dp/B08QRQDFYZ/ref=cm_sw_r_wa_awdb_t1_sSWbGbE3E9Q8T]]
 
== खगोलिय निरीक्षण ==
बुध को सूर्यास्त के बाद या सूर्योदय से ठीक पहले नग्न आंखो से देखा जा सकता है। सूर्य के बेहद निकट होने के कारण इसे सीधे देखना मुश्किल होता है। बुध का कोई उपग्रह नहीं है।
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