"मासिक धर्म": अवतरणों में अंतर

मैंने यहाँ पर ओवुलेशन के लक्षण के चित्र को सम्लित किया हैं जिससे पाठकों को अधिक जानकारी प्राप्त हों सके
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== समस्याएं ==
 
[[चित्र:ओवुलेशन के लक्षण.png|अंगूठाकार|297x297पिक्सेल|ओवुलेशन के दौरान<ref>{{Citation|last=https://zealthy.in|title=English: इस चित्र में कुछ लक्षणों के बारे में बताया गया है जो महिलाएं, ओवुलेशन से पहले या बाद में अनुभव करती हैं, और जिसे वह पता कर सकती है की वह ओवुलेट कर रही है या नहीं|date=2020-09-01|url=https://commons.wikimedia.org/wiki/File:%E0%A4%93%E0%A4%B5%E0%A5%81%E0%A4%B2%E0%A5%87%E0%A4%B6%E0%A4%A8_%E0%A4%95%E0%A5%87_%E0%A4%B2%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B7%E0%A4%A3.png|access-date=2021-01-20}}</ref>]]
ज्यादातर महिलाएं माहवारी (पीरियड्स) की समस्याओं से परेशान रहती है लेकिन अज्ञानतावश या फिर शर्म या झिझक के कारण लगातार इस समस्या से जूझती रहती है।<ref>{{cite web|url=http://www.bbc.com/hindi/science-41556685|title=पीरियड्स के बारे में लड़के-लड़कियों को साथ में पढ़ाएं|access-date=15 दिसंबर 2017|archive-url=https://web.archive.org/web/20171220212414/http://www.bbc.com/hindi/science-41556685|archive-date=20 दिसंबर 2017|url-status=live}}</ref> दरअसल दस से पन्द्रह साल की लड़की के अण्डाशय हर महीने एक परिपक्व अण्डा या अण्डाणु पैदा करने लगता है। वह अण्डा डिम्बवाही थैली (फेलोपियन ट्यूब) में संचरण करता है जो कि अण्डाशय को गर्भाशय से जोड़ती है। जब अण्डा गर्भाशय में पहुंचता है तो रक्त एवं तरल पदार्थ से मिलकर उसका अस्तर गाढ़ा होने लगता है। यह तभी होता है जब कि अण्डा उपजाऊ हो, वह बढ़ता है, अस्तर के अन्दर विकसित होकर बच्चा बन जाता है। गाढ़ा अस्तर उतर जाता है और वह माहवारी का रूधिर स्राव बन जाता है, जो कि योनि द्वारा शरीर से बाहर निकल जाता है। जिस दौरान रूधिर स्राव होता रहता है उसे माहवारी अवधि/पीरियड कहते हैं। औरत के प्रजनन अंगों में होने वाले बदलावों के आवर्तन चक्र को माहवारी चक्र कहते हैं। यह हॉरमोन तन्त्र के नियन्त्रण में रहता है एवं प्रजनन के लिए जरूरी है। माहवारी चक्र की गिनती रूधिर स्राव के पहले दिन से की जाती है क्योंकि रजोधर्म प्रारम्भ का हॉरमोन चक्र से घनिष्ट तालमेल रहता है। माहवारी का रूधिर स्राव हर महीने में एक बार 28 से 32 दिनों के अन्तराल पर होता है। परन्तु महिलाओं को यह याद करना चाहिए कि माहवारी चक्र के किसी भी समय गर्भ होने की सम्भावना है।