"रामधारी सिंह 'दिनकर'": अवतरणों में अंतर
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यह सुनकर पूरी सभा सन्न रह गई। ठसाठस भरी सभा में भी गहरा सन्नाटा छा गया। यह मुर्दा-चुप्पी तोड़ते हुए दिनकर ने फिर कहा- 'मैं इस सभा और खासकर प्रधानमंत्री नेहरू से कहना चाहता हूं कि हिंदी की निंदा करना बंद किया जाए। हिंदी की निंदा से इस देश की आत्मा को गहरी चोट पहंचती है।'<ref>नई दुनिया, सम्पादकीय पृष्ठ, दिनांक ११ फरवरी, २०२०२</ref>
== प्रमुख कृतियाँ ==▼
'''<big>''प्रमुख कृतियां''</big>'''
उन्होंने सामाजिक और आर्थिक समानता और शोषण के खिलाफ कविताओं की रचना की। एक प्रगतिवादी और मानववादी कवि के रूप में उन्होंने ऐतिहासिक पात्रों और घटनाओं को ओजस्वी और प्रखर शब्दों का तानाबाना दिया। उनकी महान रचनाओं में [[रश्मिरथी (खंड काव्य)|रश्मिरथी]] और [[परशुराम की प्रतीक्षा]] शामिल है। [[उर्वशी]] को छोड़कर दिनकर की अधिकतर रचनाएँ वीर रस से ओतप्रोत है। [[भूषण]] के बाद उन्हें [[वीर रस]] का सर्वश्रेष्ठ कवि माना जाता है।
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