"बेलवन": अवतरणों में अंतर
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ॐ जय लक्ष्मी माता जी की जय
== कहते हैं आज भी महालक्ष्मी वहीं पर तप कर रही हैं। आज भी ग्वाल रूप में श्रीकृष्ण उनके पास बैठे दिखते हैं तथा उन्हें खिचड़ी का भोग लगता है। पौष मास में हर गुरुवार के दिन यहाँ मेला लगता है और जगह-जगह चूल्हा बना कर खिचड़ी तैयार कर भोग लगाया जाता है तथा प्रशाद बाँटा जाता है। ==
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