"प्लासी का पहला युद्ध": अवतरणों में अंतर

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थडथडजगजघजगज है कि वह अपने आप को रोक नहीं
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इस युद्ध के द्वारा अंग्रेजों को काफी आर्थिक लाभ पहुँचा मीरजाफर ने कम्पनी को 1 करोड़ 17 लाख रुपये दिये जिससे कम्पनी की आर्थिक स्थिति काफी मजबूत हो गई बंगाल की लुट से भी उसे काफी धन हाथ लगा। कम्पनी के मठ कर्मचारियों को साढ़े 12 लाख रुपए मिले। क्लाइव को दो लाख 24 हजार रुपए मिले। इस युद्ध के पश्चात कम्पनी धीरे- 2 जागीदार बाद में बंगाल की दीवान बन गई। इस प्रकार इसके द्वारा भारत में ब्रिटिश साम्राज्य की नींव डाली गई। अंग्रेजों को पुन: व्यापार करने का अधिकार मिला मीरजाफर ने कम्पनी को घूस के रूप में 3 करोड़ रुपए प्रदान किए तथा व्यापार से भी अंग्रेजों ने 15 करोड़ का मुनाफा कमाया।
 
== <big>रवि कुुमा</big> ==
== कम्पनी को हुए लाभ ==
== <big>र</big> ==
* भारत के सबसे समृद्ध तथा घने बसे भाग से व्यापार करने का एकाधिकार।
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* बंगाल के साशक पर भारी प्रभाव, क्योंकि उसे सत्ता कम्पनी ने दी थी। इस स्थिति का लाभ उठा कर कम्पनी ने अप्रत्यक्ष सम्प्रभु सा व्यवहार शुरू कर दिया।
* बंगाली बाला बिपाशा बसु ने कहा कि वह अपने आप को रोक दिया गया था बाद मेंबर बन जाएंगे इस में मुझे बहुत अच्छा लगा और मैं आपके लिए सबसे पहले आप को रोक नहीं पाया था बाद में मुझे बोलना चाहिए कि वह अपनी नैतिक और चारित्रिक रूप से लाल हुआ जा रहा है वरना मैं मर जाऊंगी और चारित्रिक रूप में से लाल हो गई थी लेकिन इस में से लाल हुआ है कि वह के साशक पर भारी प्रभाव, क्योंकि उसे सत्ता कम्पनी ने दी थी। इस स्थिति का लाभ उठा कर कम्पनी ने अप्रत्यक्ष सम्प्रभु सा व्यवहार शुरू कर दिया।
* बंगाल के नवाब से नजराना, भेंट, क्षतिपूर्ति के रूप मे भारी धन वसूली।
* एक सुनिश्चित क्षेत्र २४ परगना का राजस्व मिलने लगा।