"जापानी साम्राज्य": अवतरणों में अंतर

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मेईजी संविधान के अनुसार जापान में जुलाई, 1890 में पहला चुनाव हुआ और संसद का संगठन हुआ। लेकिन, जैसे ही संसद की बैठक शुरू हुई कि सरकार से उनकी नोंक-झोंक शुरू हो गईं संसद वालों ने संविधान में संशोधन की माँग की, ताकि सरकार संसद के प्रति उत्तरदायी हो। इस बात का गतिरोध उत्पन्न हो गया। प्रधानमंत्री मातसूकाता मासायासी इस प्रस्ताव का कट्टर विरोधी था। अतएव, 1891 ई. में उसने संसद को भंग कर दिया और दूसरे चुनाव का आदेश दिया। इस अशांत आंतरिक राजनीतिक ने जापानी राजनीतिज्ञों ने विचार किया कि यदि जापान आक्रामक नीति का अनुसरण करने लगे तो संभवतया देश की राजनीतिक में कुछ सुधार हो और लोगों का ध्यान देशीय घटनाओं से हटकर विदेशों में लग जाए। अतएव जापानी अधिकारियों ने उग्र एवं आक्रामक नीति का अवलंबन करने का निश्चय किया। जापानी साम्राज्यावाद के उद्भव के मूल में देश की आक्रामक विदेश नीति भी थी।
 
=जापान  =सन्दर्भ==का औधोगिक प्रदेश
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