"द लीज़ेंड ऑफ़ भगत सिंह": अवतरणों में अंतर

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== संक्षेप ==
<nowiki>;</nowiki>१९०७ में जन्मे भगत सिंह बचपन से ही ब्रिटिश राज के अत्याचारो को देख्ते और् सह्ते आ रहे थे। देश के प्रति आराधना और कर्तव्यपारायण्ता के कारण उन्होने अप्न घर छोड़ दिया और अपने आप को हिन्दुस्तान रिपब्लिक में शामिल कर दिया। वे कई आन्दोलन में भि शामिल हुए।
पुलिस के हात हुए लाला लजपत राई के मौत क बद्ल लेने के लिये, भगत ने पुलिस अफसर, जोन सौन्डर्स की हत्या में शामिल था। इस हत्या को अञाम देने के लिये, शिवराम राजगुरु और सुखदेव भी उनके साथ थे। उनको एक सेल में बन्ध किय जाता है और बेरहमी से पिट दिय जाता है। वहाँ उन्हे बहुत अतराचार सहने पदे। पर उन्क हौसला रुके नही। जब ब्रिटिश ने व्यापार विवादों और सार्वजनिक सुरक्षा विधेयक का प्रस्थाव किय, तब उन्होने भारतीय सन्सद में बम विस्फोट का योजन बनाया और उसे निष्पादित् किय। खाली बेन्चो पर् बम् फैन्ककर उन्होने सन्सद में शामिल लोगो की सुरक्षा क ख्याल रख। उसे गिरफ्तार किय गया था। लाहोर जेल में भी उन्होने एक आन्दोलन लॉच किया। भगत और उनके साथी मिलकर जेल में एक भूक हर्ताल शुरु किय ताकी सेनानी कैदियों की स्थिति में सुधार लाए। यह भूक हर्ताल ६३ दिन चले। भारतीय स्वतंत्रता। ब्रिटिश ने सौंडर्स हत्या का मामला फिर से शु;शुरु किया। जिसके कारण भगत सिंह, सुखदेव और शिवराम को मौत की सज़ा सुनाई गई।
lइतिहास हमे यह बताता है कि, गान्धी जी चाहे तो इस दिग्गजों के मदद कर सकते थे, पर उन्होने ऐसा नहीं किया। पूरे देश में हल्ला मच गया था। सभी लोग इन दिग्गजों के मौथ पर दुखी थे।
 
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l नहीं किया। पूरे देश में हल्ला मच गया था। सभी लोग इन दिग्गजों के मौथ पर दुखी थे।
 
== चरित्र ==
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* स्वरूप कुमार
* अरुण पटवर्धन
* \p\o][ki]pkpk]lo][o]i[0i[o[[अबीर गोस्वामी]] - फरिन्द्र घोष
 
== संगीत ==