Satish chandra book reference
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{{s-aft|after=[[अकबर]]}}
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{{-}}दिल्ली हुमायूं मक़बरे में मौजूद मुग़ल बादशाह हुमायूं की कब्र जिनकी आज ही के दिन 27 जनवरी 1556 को वफ़ात हुई। वफ़ात के 3 दिन पहले 24 जनवरी 1556 के दिन हुमायूँ किताबें लिए हुए लाइब्रेरी की सीढ़ियों से निकल रहे थे अज़ान की आवाज़ सुन कर घुटने ज़मीन पर टेकने की कोशिश में उनका पैर शाही लबादे में फंसा और लड़खड़ाते हुए सीढ़ियों से गिरे, एक पथ्थर से टकराने की वजह से गहरी चोट लगी और तीन दिन बाद 27 जनवरी 1556 को इंतेक़ाल हो गया। इंतेकाल के बाद उन्हें दिल्ली के पुराना किला में दफना दिया गया।
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उनका बेटा अक़बर उस वक़्त पंजाब में था उम्र काफी कम थी इसी का फायदा उठाते हुए हेमू ने मुग़ल बादशाह हिमायूँ के मौत के बाद दिल्ली पर क़ब्ज़ा कर लिया। उस वक़्त लाल किले की तामीर नही हुई थी। सल्तनत दिल्ली के पुराना किला से चलती थी। पुराना किला हेमू के क़ब्ज़े में आने से पहले मुग़ल सेना दिल्ली छोड़ते वक़्त हिमायूँ के क़ब्र को पंजाब के केलानोर ले गए जहां अकबर की ताजपोशी होनी थी।
 
वक़्त फिर से पलटा ठीक 9 महीने बाद 5 नवंबर 1556 हुमायूं का बेटा मुग़ल बादशाह अकबर ने पानीपत की दूसरी जंग मे हेमू को हराकर दिल्ली दोबारा फ़तह कर ली। दिल्ली वापस आने के बाद हिमायूँ कि अहलिया बेगा बेगम के हुक्म से दिल्ली निज़ामुद्दीन के पास हिमायूँ मकबरा की तामीर हुई और हिमायूँ की कब्र को मकबरे में लाया गया।
 
#mughal_saltanat
हुमायू की मृत्यु एक अचानक घटना की वजह से हुई थी वह सीढ़ियों से गिर पड़े थे.