"कम्प्यूटर की विभिन्न पीढ़ियाँ": अवतरणों में अंतर

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प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर में निर्वात नली का प्रयोग परिपथ बनाने में किया जाता था और मेमोरी के लिया चुम्बकीय ड्रम प्रयोग में लाते थे | निर्वात नली के प्रयोग की वजह से इन कंप्यूटर से बहुत अधिक ऊष्मा उत्सर्जित होती थी जो इन कंप्यूटर की बहुत बड़ी समस्या थी | ये कंप्यूटर निम्न स्तरीय भाषा को समझ पाते थे इसलिए इनको को भी कार्य बताने के लिए बाइनरी भाषा काम में ली जाती थी , जो काम में लेने के लिए बहुत मुश्किल थी | क्योकि बाइनरी भाषा में समस्त निर्देश ० और १ के प्रयोग से लिखे जाते हैं जिनमे गलतियों को पहचानना बेहद मुश्किल कार्य होता था | ये कंप्यूटर एक समय में एक ही काम कर सकते थे | इनपुट व आउटपुट के लिए पंच कार्ड पर प्रिंट आउट का प्रयोग किया जाता था |
प्रथम जनरेशन के कंप्यूटर में प्रोसेसर के रूप में वेक्यूम ट्यूब का इस्तेमाल किया जाता था जो की आकार में बहुत बड़ा होता था
युनिवेक और इनियेक प्रथम पीढ़ी के उदाहरण हैं o
 
==दूसरी पीढ़ी (१९५६-१९६४) [[ट्रांजिस्टर]]==
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ये कंप्यूटर प्रथम पीढ़ी की तुलना में तेज़ होते थे और इनमे निर्वात नली के स्थान पर ट्रांजिस्टर प्रयोग में लाया जाता था | इस ट्रांजिस्टर का आविष्कार 12 sep 1958 में हुआ, इसके प्रयोग के पश्चात कंप्यूटर की स्पीड पहले से तेज़ हो गयी परन्तु ये कंप्यूटर भी ऊष्मा उत्सर्जित करते थे | इस पीढ़ी के कंप्यूटर में भी इनपुट देने के लिए पंच कार्ड और आउटपुट प्राप्त करने के लिए प्रिंट आउट का ही प्रयोग किया जाता था | लेकिन प्रोग्राम लिखने के लिए बाइनरी भाषा की जगह असेंबली भाषा प्रयोग में लायी जाने लगी | असेंबली भाषा में अंग्रेजी के अक्षरों को कोड के रूप में प्रयोग में लिया जाता है |
 
* COBOL और FORTRAN ''' '''भाषाओ के प्रारम्भिक वर्जन का प्रयोग इसी समय किया जाने लगा, जो की उच्च स्तरीय भाषा के उदहारण है |
 
==तीसरी पीढ़ी (१९६४-१९७३) एकीकृत सर्किट==