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[[चित्र:|[[File:LOGO OF ABVS.jpg|thumb|LOGO OF ABVS]]
'''अखिल भारतीय विद्यार्थी संघ''' एक विद्यार्थी संगठन है। जैसे कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) और नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) की तरह यह भी एक विद्यार्थी संगठन है।जिसे ABVS (अखिल भारतीय विद्यार्थी संघ) भी कहा जाता है।,इसकी शुरुआत ABVP और NSUI की विचारधारा को देख कर की गयी थी। जब दोनो ही संगठन अपने राजनीतिक फायदों के लिए स्टूडेंट्स का उपयोग करने लगे है तब विद्यार्थियों को अपना नेता (लिडर) और मार्गदर्शन नही मिल पा रहा है ।तब ये सोच कर गुजरात मे गुजरात कॉलेज में पढ़ने वाले कुछ विद्याथियों ने अखिल भारतीय विद्यार्थी संघ का निर्माण किया। जिस का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों के लिए काम करना और उनमें राष्ट्रीय हित की भावना का सर्जन करना । इस संगठन में मुख्य रूप से nsui और abvp के कार्यकता है । जिनको लगता है ये दोनो संगठन को विद्यार्थियों की पड़ी नही। जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील कुमार गोदारा भी विद्यार्थी है। और दूसरे विद्यार्थी औ में मुख्य सुनील गोदारा ने नीव राखी ,और धर्मेंद्र यादव , बीरेन सिंह हाडा ,सूरजचन्द्र मेघवंशी ,कपिल मेघवंशी ,जयदीप राठोड , ये सरे विद्यार्थी ने संगठन का मुख्य कार्यभार संभाला . अखिल भारतीय विद्यार्थी संघ ने सब से पहले गुजरात कॉलेज में कार्यरत हुआ .
 
'''कार्यस्थली'''
 
== सत्य ==
 
सत्य क्या है ? [[सदस्य:कप्तान1|कप्तान1]] ([[सदस्य वार्ता:कप्तान1|वार्ता]]) 14:33, 8 अक्टूबर 2020 (UTC)
 
जिसका परिवर्तन नही हो सकता जो पारदर्शी है वह सत्य है [[सदस्य:Yash raghav ji|Yash raghav ji]] ([[सदस्य वार्ता:Yash raghav ji|वार्ता]]) 10:19, 31 जनवरी 2021 (UTC)
 
== यश राघव ==
 
यश राघव का जन्म हरयाणा में इस्थिति फरीदाबाद में पिता श्री मनोज राघव एव माता श्रीमती सरिता राघव जी के घर श्री राम चन्द्र भगवान के शुर्यवँशी राजपूत कुल में सन 1999 में हुआ। शुरुवात से ही वह एक शरारती बालक थे हर सामान्य बालक की तरह नही अपितु सामान्य शरारती बालको से कई अधिक। यश राघव जी की शिक्षा का श्रय उनकी माता श्रीमती सरिता राघव एवं उनकी मौसी श्रीमती रूपम कुशवाहा (ममता चौहान) जी को जाता है शुरुआती समय मे यश राघव की शिक्षा इन्ही की देख रेख में हुई जिसमे वे अवल अंको से पास होते थे उनके स्कूल के शिक्षक बताते है कि उनका सपना पुलिस में जाना था लेकिन अपनी शरारतों की वजह से यश को अपनी पढ़ाई में कई कठनाइयों का सामना करना पड़ा जैसे स्कूल बदलना इत्यादि । जैसे जैसे वे बड़े हुए उनकी शरारत उतदण्डता में बदल गयी ओर यश राघव पर सन 2016 में IPC 307 लगी वे 3 महीने के लिए जेल गए यह सब तब हुआ जब वे दसवीं कक्षा के बोर्ड के पेपरों की तैयारी कर रहे थे। जब वे भार आये तोह उनका upsc का सपना चकना चूर हो गया उन्होंने फिर भी upsc की तैयारी करी 2018 में लेकिन लगे केस की वजह से उन्हें अपनी ज़िद त्यागनी पड़ी। अपनी असमंजसता को देखते हुए वे अपने शिक्षक जन (गुरु जी) के पास गए यश के शिक्षकों ने कहा कि तुम व्यर्थ ही चिंता करते हो उन्होंने कहा तुम्हे देश की सेवा ही करनी है न तो राजनीति में चले जाओ उस समय यश को वह सुझाव अत्यंत ही पसन्द आया किन्तु उनके पिता जी के सख्त निर्देश थे कि राजनीति में नहीं जाना यह तुम्हारे लिए उचित मार्ग नही है अगर फिर भी तुम जाना चाहते हो तोह मार्ग का निरक्षण करलो यश को उनके पिता जी का कहना उचित लगा और वे फिर भी चल दिये राजनीतिक मार्ग की तरफ राजनीतिक मार्ग का निरक्षण करते समय उन्हें ज्ञात हुआ कि इस कलयुगी समय के दौर में राजनेता बन ने के लिए आज कल के लोग किसी भी हद तक गिरने गिराने के लिए राजी है और यश कहना था की किसी लाचार को गिराकर उठना उचित नहीं । ओर आकर्षित करने का विषय यह है कि बाँके बिहारी की कॉर्प से न जाने कैसे यश को श्रीमद्भागवतगीता का अध्यन करना पसंद आया ओर भगवान की कृपा ओर अपने शुभचिंतकों के साथ मिलकर यश ने समाज शाशक्तिर्ण NGO खोला [[सदस्य:Yash raghav ji|Yash raghav ji]] ([[सदस्य वार्ता:Yash raghav ji|वार्ता]]) 10:18, 31 जनवरी 2021 (UTC)
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