"हिन्दी पत्रकारिता": अवतरणों में अंतर

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[[File:Punjabi Wikimedians .jpg|thumb|Hindi newspaper article]]
{{स्रोतहीन|date=अप्रैल 2019}}
'''हिन्दी पत्रकारिता''' की कहानी [[भारतीय राष्ट्रीयता]] की कहानी है। हिन्दी पत्रकारिता के आदि उन्नायक जातीय चेतना, युगबोध और अपने महत् दायित्व के प्रति पूर्ण सचेत थे। कदाचित् इसलिए विदेशी सरकार की दमन-नीति का उन्हें शिकार होना पड़ा था, उसके नृशंस व्यवहार की यातना झेलनी पड़ी थी। उन्नीसवीं शताब्दी में हिन्दी गद्य-निर्माण की चेष्टा और हिन्दी-प्रचार आन्दोलन अत्यन्त प्रतिकूल परिस्थितियों में भयंकर कठिनाइयों का सामना करते हुए भी कितना तेज और पुष्ट था इसका साक्ष्य ‘भारतमित्र’ (सन् 1878 ई, में) ‘सार सुधानिधि’ (सन् 1879 ई.) और ‘उचित वक्ता’ (सन् 1880 ई.) के जीर्ण पृष्ठों पर मुखर है।
 
भारत में प्रकाशित होने वाला पहला हिंदी भाषा का अखबार, उदंत मार्तंड (द राइजिंग सन), 30 मई 1826 को शुरू हुआ।ref>{{cite web|last1=Chatterjee|first1=Mrinal|title=History of Hindi|url=http://pressinstitute.in/history-of-hindi-journalism/|publisher=Press Institute of India|accessdate=27 June 2014|archive-url=https://web.archive.org/web/20141016013055/http://pressinstitute.in/history-of-hindi-journalism/|archive-date=16 October 2014|url-status=dead}}</ref> इस दिन को "हिंदी पत्रकारिता दिवस" के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि इसने हिंदी भाषा में पत्रकारिता की शुरुआत को चिह्नित किया था।
 
वर्तमान में हिन्दी पत्रकारिता ने [[अंग्रेजी]] पत्रकारिता के दबदबे को खत्म कर दिया है। पहले देश-विदेश में अंग्रेजी पत्रकारिता का दबदबा था लेकिन आज हिन्दी भाषा का झण्डा चहुंदिश लहरा रहा है। ३० मई को '[[हिन्दी पत्रकारिता दिवस]]' के रूप में मनाया जाता है।