''पी. फैल्सीपैरम'' [https://www.health360hindi.com/2019/04/malaria/[मलेरिया फीवर इन हिंदी|मलेरिया]] को आपातकालीन मामला माना जाता है तथा मरीज को पूर्णतया स्वस्थ होने तक चिकित्सकीय निगरानी मे रखना अनिवार्य माना जाता है। किंतु अन्य परजीवियों के संक्रमण वाले मरीजों का इलाज बहिरंग विभाग में भी किया जा सकता है। उचित इलाज होने पर मरीज सौ प्रतिशत सही हो जाने की आशा रख सकता है। बुखार जैसे लक्षणों का उपचार सामान्य दवाओं से किया जाता है, साथ ही मलेरिया-रोधी दवाएँ देना आवश्यक होता है। यद्यपि आज प्रभावी उपचार उपलब्ध है, मलेरिया पीड़ित क्षेत्रों में या तो मिलता नहीं हैं या इतना महंगा होता है कि आम मरीज की खरीद से बाहर होता है। 2002 में [[मेदसैं सां फ़्रांतिऐ]] (फ्रांसीसी: ''Médecins Sans Frontières'') ने अनुमान लगाया था कि महामारी वाले क्षेत्र में एक मलेरिया पीड़ित का उपचार करने में प्रति खुराक 0.25 डालर से 2.40 डालर का खर्चा होता है।<ref name="msf">Medecins Sans Frontieres, "[http://www.msf.org/content/page.cfm?articleid=44247857-6A39-4D9C-8FA7E54299FF1D4D What is the Cost and Who Will Pay?]{{Dead link|date=जून 2020 |bot=InternetArchiveBot }}"</ref>