"भारत के राजवंशों और सम्राटों की सूची": अवतरणों में अंतर

History of India as Told by Its Own Historians
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== प्रमर मालवगण (ई. पू. 392 - 138 ई. पू.) ==
मालवगण नामक उज्जयिनी के गणतंत्र ने इस मध्य शासन किया। गंधर्वसेन ने इस प्रमर वंश को उज्जयिनी में लाया। उनके पुत्र मालवगणमुख्य [[विक्रमादित्य]] ने ई. पू. 82 से 19 ई. तक शासन किया और शको को भारत से निष्कासित कर दिया और उस उपलक्ष में [[विक्रम संवत|विक्रम]] संवत की स्थापना ई. पू. 57-58 में की।<ref>{{Cite book|title=The History of India as Told by Its Own Historians. By John Dowson.|last=|first=|publisher=|year=1875|isbn=|location=|pages=}}</ref> <ref>{{Cite book|title=संवत् प्रवर्तक विक्रमादित्य. डॉ. राजबली पांडेय|last=|first=|publisher=चौखम्बा विद्याभवन|year=1960|isbn=|location=वाराणसी, भारत.|pages=}}</ref>टालेमी ने इस पँवार वंश के शासन को पहली शताब्दी के बाद 151 ई. में होना माना है। उसके अनुसार तब ये वंश पश्चिम बुंदेलखंड में शासन करते थे ।<ref>{{Cite book|title=हिंदी विश्वकोश (भाग : 13)|last=Nagendranath vasu.|first=|publisher=B. R. Publishing Corporation.|year=1986|isbn=|location=|pages=86}}</ref>
 
== वाकाटक वंश (सी. 250 - 500 ई.) ==