"संत": अवतरणों में अंतर

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1 साधुओं का परिभाषा में का जगह की किया है 2 ब्राह्मण ग्रंथों और वेदों में ग्रंथों शब्द हटाकर ब्राह्मण और वेदों को कंटिन्यू किया है यह सुधार किया है
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पंक्ति 6:
: ''शोधि के संत महंतनहूँ पदमाकर बात यहै ठहराई। —पदमाकर (शब्द०)।
 
ईश्वर के भक्त या धार्मिक पुरुष को भी सन्त कहते हैं। साधुओं कोकी परिभाषा में सन्त उस संप्रदायमुक्त साधु या संत को कहते हैं जो [[विवाह]] करके गृहस्थ बन गया हो।
 
[[मत्स्यपुराण]] के अनुसार संत शब्द की निम्न परिभाषा है :
पंक्ति 12:
: '' सम्पूज्या ब्रह्मणा ह्येतास्तेन सन्तः प्रचक्षते॥
 
ब्राह्मण ग्रंथ और वेदों के शब्द, ये देवताओं की निर्देशिका मूर्तियां हैं। जिनके अंतःकरण में इनके और ब्रह्म का संयोग बना रहता है, वह सन्त कहलाते हैं।
 
==इन्हें भी देखें==
"https://hi.wikipedia.org/wiki/संत" से प्राप्त