"रामकुमार वर्मा": अवतरणों में अंतर

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हिंदी एकांकी के जनक कहे जानेवाले डा.वर्मा का जन्म [[मध्य प्रदेश]] के [[सागर]] जिले में तथा निधन [[उत्तर प्रदेश]] के [[इलाहाबाद]] जिले में हुआ। पिता की राजकीय वृत्ति के कारण वे विभिन्न नगरों में स्थानान्तरित होते रहे उनकी प्रारंभिक शिक्षा मध्य प्रदेश के विभिन्न स्थानों में हुई इस प्रकार विभिन्न स्थानों पर घूमते हुए उनकी अनुभव संपदा बढती रही। शौक्षिक जीवन में ही उनके भीतर साहित्यिक और रंगमंचीय अभिरुचि पैदा हो गई थी। साथ ही तत्कालीन सामाजिक, राजनीतिक और मानवीय सरोकारों ने भी उन्हें अपने व्यक्तित्व को गढ़ने में सहयोग दिया। मात्र १६ वर्ष की आयु में [[महात्मा गांधी]] के राष्ट्रव्यापी असहयोग आंदोलन का उन पर इतना अधिक प्रभाव पडा कि उनहोंने शैक्षिक प्रांगण से बाहर निकलकर खादी पीठ पर लादकर बेची तथा प्रभात फेरी में राष्ट्रीय चेतना से संपन्न स्वरचित गीत गाए और ओजस्वी भाषण दिए। कुछ समय पश्चात वे फिर विद्यालय में प्रविष्ट हुए। उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए वे [[इलाहाबाद विश्वविद्यालय]] गए। स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने के बाद वे वहीं हिंदी विभाग में प्राध्यापक नियुक्त हुए और विभागाध्यक्ष के पद पर पहुँचे। जीवन की विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्य और संतुलन तथा निराशा व अवसाद के क्षणों में भी स्मित मुस्कान एवं गंभीरता के साथ विनम्रता उनके व्यक्तित्व के खास रंग थे,जिन्होंने उनके कलात्मक स्वरूप को भी एक विशिष्ट सज्जा दी। डॉ वर्मा के साहित्यिक व्यक्तित्व को नाटककार और कवि के रुप में अधिक प्रसिद्धि मिली।
==समालोचना==
सन १९३० में रचित 'बादल की म्रत्यु'उनका पहला एकांकी है, जो फैंटेसी के रूप में अत्यन्त लोकप्रिय हुआ। भारतीय आत्मा और पाश्चात्य तकनीक के समन्वय से उन्होंने हिन्दी एकांकी कला को निखार दिया। उन्होने ऐतिहासिक और सामाजिक दो तरह के एकांकी नाटकों की सृष्टि की। ऐतिहासिक नाटकों में उन्होने भारतीय इतिहास के स्वर्णिम प्रष्ठों से नाटकों की विषय वस्तु को ग्रहण कर चित्रों की ऐसी सुदृढ़ रुप रेखा प्रस्तुत की जो पाठकों में उच्च चारित्रिक संस्कार भर सके और सामियक जीवन की समस्याओं को समाधान की दिशा दे सके। उनके नाटक भारतीय संस्कृति और राष्ट्रीय उद्बोधन के स्वर बखूबी समेटे हुए हैं। गर्व के साथ वे कहते हैं, 'ऐतिहासिक एकांकीयों में भारतीय संस्कृति का मेरुदंड- नैतिक मूल्यों मे आस्था और विश्वास का दृष्टिकोण प्रस्तुत किया गया है।' उनके सामाजिक एकांकी प्रेम और सेक्स की समस्याओं से संबंधित हैं।
 
==प्रमुख कृतियाँ==