"जॉन मिल्टन": अवतरणों में अंतर

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| notableworks =
| signature = John Milton signature.svg
| influences = [[Williamविलियम Shakespeareशेक्सपियर]], [[Dante Alighieri]], [[St. Augustine]], [[St.Thomas Aquinas]], [[John Donne]], [[Homer]], [[Edmund Spenser]], [[Virgil]], [[Ovid]], [[Petrarch]], [[Hugo Grotius]], [[Joost van den Vondel]]
| influenced = [[Edmund Burke]], [[John Henry Newman]], [[C.S. Lewis]], [[G.K. Chesterton]], [[J.R.R. Tolkien]], }}
 
'''जॉन मिल्टन''' (John Milton) [1608-1674] [[पैराडाइज लॉस्ट]] नामक अमर महाकाव्य के रचयिता जॉन मिल्टन अंग्रेजी के सार्वकालिक महान् कवियों में परिगणित हैं।
 
कलाप्रेमी पिता की संतान होने से आरंभ से ही सुसंस्कृत मिल्टन ने उच्च शिक्षा भी प्राप्त की। इसके साथ ही तीव्र अध्यवसाय की स्वाभाविक प्रवृत्ति ने उन्हें परम पांडित्य प्रदान किया, जिसका सहज प्रभाव उनके साहित्य पर भी पड़ा। राजनीतिक सक्रियता के बाद सत्ता में उच्च पद प्राप्त करने तथा उच्च वर्गीय महिला से विवाह करने के बावजूद दोनों ही स्थितियाँ मिल्टन के लिए अंततः अत्यधिक दुःखद सिद्ध हुई। पूर्णतः नेत्रहीन हो जाने तथा विविध कष्टों को झेलने के बावजूद उन्होंने अपने दुःख को भी रचनात्मकता का पाथेय बना डाला और इस तरह एक दुःखपूर्ण जीवन की परिणति दुःखान्त न होकर सुखान्त हो गयी। ये एक महान कवि है। इनकी निजी सोनेट ''ऑन Onहिज़ Hisब्लाइंडनेस'' Blindness(उनका अंधापन)' है जो स्वयं के नेत्रहीन होने पर आधारित है। <ref>{{Cite web |url=https://www.poemhunter.com/poem/on-his-blindness/ |title=संग्रहीत प्रति |access-date=15 अगस्त 2018 |archive-url=https://web.archive.org/web/20180816025638/https://www.poemhunter.com/poem/on-his-blindness/ |archive-date=16 अगस्त 2018 |url-status=dead }}</ref>
 
== आरंभिक जीवन ==
जॉन मिल्टन का जन्म लंदन की चीपसाइड बस्ती ब्रेडस्ट्रीट में 9 दिसंबर 1608 ई० को हुआ था। उनके पिता कठोर प्यूरिटन होते हुए भी साहित्य एवं कला के प्रेमी थे, जिस कारण बालक मिल्टन को एक सुसंस्कृत परिवार के सभी लाभ प्राप्त हुए। मिल्टन की शिक्षा सेंट पॉल स्कूल तथा [[कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय|केंब्रिज विश्वविद्यालय]] के क्राइस्ट कॉलेज में हुई। क्राइस्ट कॉलेज में वे 7 वर्ष रहे। 1629 ई० में उन्होंने बी०ए०स्नातक पास किया और 1632 में एम०ए०।स्नातकोत्तर। परंतु कॉलेज की पढ़ाई समाप्त होने के बाद भी उनका नियमित एवं सुनियोजित अध्ययन जारी रहा। उनके पिता की इच्छा थी कि वह चर्च में नौकरी करे अर्थात् पादरी बने, परंतु अपने अंतर्मन से मिल्टन कभी यह बात स्वीकार नहीं कर पाये। किसी अन्य व्यवसाय में जाने की भी उनकी रुचि नहीं थी। स्वाभाविक रूप से वे आत्मिक उन्नति की बात सोचते हुए काव्यरचना में लग गये। पिता की अच्छी आर्थिक स्थिति होने के कारण ऐसा करने में उनको कठिनाई की अनुभूति भी नहीं हुई। कैम्ब्रिज छोड़ने के बाद वे अपने ग्रामीण निवास पर रहने लगे, जो लंदन से करीब 17 मील दूर [[बकिंघमशायर]] में हॉर्टन में था। मिल्टन बाल्यावस्था से ही अध्ययन में इस कदर निमग्न रहते थे कि प्रायः आधी रात तक पढ़ते ही रह जाते थे। विश्वविद्यालय में भी उनकी यह अध्ययन-निष्ठा बनी रही और ग्रामीण निवास के एकांतवास में स्वाभाविक रूप से उनका अध्ययन अबाध गति से चलता रहा। ''इस प्रकार पहले से ही रखी हुई दृढ़ नींव पर अपने पाण्डित्य में अनवरत वृद्धि करके मिल्टन बड़ा भारी विद्वान् बन गया। यह बात सावधानीपूर्वक ध्यान में रखना आवश्यक है, न केवल इसलिए कि अपने पांडित्य की विशालता एवं विशुद्धता में वह हमारे अन्य सभी कवियों से कहीं ज्यादा बढ़ चढ़ कर है, बल्कि इसलिए भी कि उसके पाण्डित्य ने सर्वत्र उसके साहित्य का पोषण किया है जिसके फलस्वरूप उसका साहित्य उसके पाण्डित्य से ओतप्रोत है।''<ref>अंग्रेजी साहित्य का इतिहास, विलियम हेनरी हडसन, अनुवादक- जगदीश बिहारी मिश्र, हिंदी समिति, सूचना विभाग, उत्तर प्रदेश, संस्करण-1963, पृ०-92.</ref>
 
== राजनीतिक सक्रियता एवं विवाह : तनावपूर्ण जीवन ==