"न्याय": अवतरणों में अंतर

No edit summary
टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
छो 2409:4052:E0B:B06F:1D12:61E0:D8F9:AA37 (Talk) के संपादनों को हटाकर रोहित साव27 के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया
टैग: वापस लिया
पंक्ति 1:
अरस्तू का मानना था कि न्याय और विवेक में भागीदारी की एक आम समझ। दूसरे शब्दों में न्याय के सिद्धांत की एक आम समझ राजनीतिक समुदाय की नींव है जो ऐतिहासिक रूप से अपनी समझ के अनुसार इन प्रमुखों को परिभाषित करने की कोशिश करता है
 
अरस्तू के विचारों में न्याय का संबंध मानवीय संबंधों के नियमन से है। उन्होंने पहले तीन प्रकार के न्याय की पहचान की
1 वितरणात्मक न्याय[Distributive Justice]
2 प्रतिशोधात्मक[Retributive] {जिसे सुधारात्मक, सुधार या उपचारात्मक} न्याय भी कहा जाता है
3 सराहनीय न्याय[Commendable justice]
 
a.कानून निर्माता को वितरणात्मक न्याय से संबंधित होना चाहिए, जबकि न्यायाधीश को सम्मान और धन के आवंटन के साथ प्रतिशोधी.
 
b. प्रतिशोधात्मक न्याय वितरण न्याय सौदा से संबंधित होना चाहिए, इसका मूल सिद्धांत है “समान रूप से समानताएं और विशिष्ट रूप से समानताएं और विशिष्ट रूप से पुरातनपंथी विशेषाधिकारों पर विशेषाधिकार पर भरोसा करना। और जो समान या असमान थे के रूप में निर्णय लेने के लिए प्रथागत कानून दंड की सजा
 
c.प्रतिशोधात्मक न्याय सौदा और क्षति के भुगतान की आवश्यकता होती है यदि समुदाय के व्यक्तिगत सदस्य के बीच लेन-देन के दौरान किसी भी नुकसान की पूर्ण बहाली की आवश्यकता होती है, तो आखिरकार, न्यायिक न्याय ई के लिए एक प्रकार की वस्तुओं और सेवा की राशि का निर्धारण करता है। खरीद और बिक्री के स्वैच्छिक लेन-देन में एक और तरह के बदले में देने और देने और किराए पर देने का प्रतिपादन किया.
 
इसको हम इस तरीके से बेहतर ढंग से समझ सकते हैं
 
== न्याय-विषयक राजनीतिक विचार ==
यह तय करना मानव-जाति के लिए हमेशा से एक समस्या रहा है कि न्याय का ठीक-ठीक अर्थ क्या होना चाहिए और लगभग सदैव उसकी व्याख्या समय के संदर्भ में की गई है। मोटे तौर पर उसका अर्थ यह रहा है कि अच्छा क्या है इसी के अनुसार इससे संबंधित मान्यता में फेर-बदल होता रहा है। जैसा कि डी.डी. रैफल का मत है-
"https://hi.wikipedia.org/wiki/न्याय" से प्राप्त