"हरी सिंह थापा": अवतरणों में अंतर
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'''हरि सिंह थापा''' [[भारतीय]] अन्तराष्ट्रीय बक्सर एवम् राष्ट्रिय कोच हैं। हरि '''भारतीय
▲'''हरि सिंह थापा''' [[भारतीय]] अन्तराष्ट्रीय बक्सर एवम् राष्ट्रिय कोच हैं। हरि '''भारतीय बक्सिंगके पितामह''' उपाधि से परिचत हैं। [[भारत]] के ललात [[हिमालय]] के वृक्षस्थल एवं कूमार्चल की वीर प्रसविनी श्स्य श्यामला भूमी अनंत काल से ही देश भक्तो, वैज्ञानिको तथा वीर सेनानियो की जन्मदात्री रही है। इसी [[उत्तराखण्ड|उत्तरांचल]] कि पावन धरती ने क्रीड़ा क्ष्रेत्र मै भी ऐसे अनेक ज्वाज्वल्यमान रत्नों को जन्म दिया है जिनकी आभा ने देश ही नहीं बाल्कि विदेशो को भी आलोकित किया है। जहां एक ओर स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद [[चीन]] और [[पाकिस्तान]] से युध मै एवं उसके बाद [[बांग्लादेश]] की [[स्वतन्त्रता|स्वतंत्रता]] की लड़ाई के मैदान में यहां के जांबांजो ने अपने अद् भुत यूध कौशल एंव शोर्य से जनपद का नाम रोशन किया, वहीं दूसरी ओर जनपद [[पिथौरागढ़]] के खिलाड़ियो ने खेल के मैदनों में भी अपने उत्कृष्ट खेल क प्रदर्शन से अन्तराष्ट्रीय खेल जगत के इतिहास में पिथौरागढ़ क नाम स्वणाक्षरों में अन्कित करवाया गया है। इन्हीं विशिष्ट खिलाड़ियो मै एक नाम है -अन्तराष्ट्रीय मुक्केबाज श्री हरी सिंह थापा का, जिन्होने अपनी लगन एवं मेहनत से मुक्केबाज क ऊंचे सपनों को पारकर भारत का श्रेष्ठ मुक्केबाज होने क गौरव प्राप्त किया।<with/big>
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'''हरि सिंह थापा''' [[भारतीय]] अन्तराष्ट्रीय बक्सर एवम् राष्ट्रिय कोच हैं। हरि '''भारतीय बक्सिंगके पितामह''' उपाधि से परिचत हैं। [[भारत]] के ललात [[हिमालय]] के वृक्षस्थल एवं कूमार्चल की वीर प्रसविनी श्स्य श्यामला भूमी अनंत काल से ही देश भक्तो, वैज्ञानिको तथा वीर सेनानियो की जन्मदात्री रही है। इसी [[उत्तराखण्ड|उत्तरांचल]] कि पावन धरती ने क्रीड़ा क्ष्रेत्र मै भी ऐसे अनेक ज्वाज्वल्यमान रत्नों को जन्म दिया है जिनकी आभा ने देश ही नहीं बाल्कि विदेशो को भी आलोकित किया है। जहां एक ओर स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद [[चीन]] और [[पाकिस्तान]] से युध मै एवं उसके बाद [[बांग्लादेश]] की [[स्वतन्त्रता|स्वतंत्रता]] की लड़ाई के मैदान में यहां के जांबांजो ने अपने अद् भुत यूध कौशल एंव शोर्य से जनपद का नाम रोशन किया, वहीं दूसरी ओर जनपद [[पिथौरागढ़]] के खिलाड़ियो ने खेल के मैदनों में भी अपने उत्कृष्ट खेल क प्रदर्शन से अन्तराष्ट्रीय खेल जगत के इतिहास में पिथौरागढ़ क नाम स्वणाक्षरों में अन्कित करवाया गया है। इन्हीं विशिष्ट खिलाड़ियो मै एक नाम है -अन्तराष्ट्रीय मुक्केबाज श्री हरी सिंह थापा का, जिन्होने अपनी लगन एवं मेहनत से मुक्केबाज क ऊंचे सपनों को पारकर भारत का श्रेष्ठ मुक्केबाज होने क गौरव प्राप्त किया।<with/big>
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== निजी जीवन ==
[[File:WP 20140128 010.jpg|thumb|हरी सिहं थापा कॉमनवेल्त बॉक्सिंग मॅच]]
# कॉमनवेल्थ खेल में प्रथम पदक प्राप्तकर्ता - 1958 मिडिलवेट ग्रुप में कांस्य ।
# ऐसियाई खेल में प्रथम पदक प्राप्तकर्ता ।
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[[File:WP 20140128 007.jpg|thumb|हरी सिहं थापा का बॉक्सिंगमॅच]]
▲* सन् १९५० की राष्ट्रयीय प्रतियोगिता मै चँपियन।
* अगली राष्ट्रयीय चम्पीाँशिप मै फाइनल मॅच मई श्रीथापा ने [[रेल]]वे के खिलाड़ी को हराकर स्वर्ण पदक जीत लिया।
* सन् १९५७ को फ़ोर्ट विलियम कॉलेज [[कोलकाता|कोलकता]] मई आयोजित हो रही राष्ट्रीय चम्पीाँशिप के फाइनल मे हवलदार थापा ने [[नौसेना]] के विकेट को फाइनल मॅच मे मात्र ३० सेकेंड्स मे धूल चटा कर स्वर्ण पदक प्राप्त किया।
* सन १९५८ मई [[टोक्यो]] ([[जापान]]) मई आयोजित थर्ड [[एशिया]] खेलो की मुक्केबाज़ी प्रतियोगिता मे थापा को रेफ की ग़लत डिसिशन का शिकार होगार खाली रजत पदक से हे संतोष होना पड़ा।
* ५ फेरवरी सन १९५४ की राष्ट्रीय मुक्केबाज़ प्रतियोगिता के फाइनल मॅच क पूर्वी कमान खेम बहादुर क साथ श्री थापा की भिरन्त हुई, थापा ने अंको के भारी अन्तर के आधर पर इस</big> मॅच मे स्वर्ण पदक जीता।
*हरि सिहं थापा ने ऐसे कई अन्य यात्रा मै गये थे और जीत की प्रप्ति की।
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[[File:WP 20140128 010.jpg|thumb|हरी सिहं थापा कॉमनवेल्त बॉक्सिंग मॅच]]
== थापा ने इन्हें गढ़ा ==
इनमे से कुछ लोग यह है-
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