"व्युत्पत्तिशास्त्र": अवतरणों में अंतर

छो व्युत्पत्ति का नाम बदलकर व्युत्पत्तिशास्त्र कर दिया गया है
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भाषा के शब्दों के इतिहास के अध्ययन को '''व्युत्पत्तिव्युत्पत्तिशास्त्र''' (etymology) कहते हैं। इसमें विचार किया जाता है कि कोई शब्द उस भाषा में कब और कैसे प्रविष्ट हुआ; किस स्रोत से अथवा कहाँ से आया; उसका स्वरूप और अर्थ समय के साथ किस तरह परिवर्तित हुआ है।
 
== विषय का प्राचीनतम मूल ==
शब्दों की उत्पत्ति का दुनियाँ में सबसे पहले गहन विश्लेषण करने का श्रेय भारत के संस्कृत वैयाकरणों को जाता है। जिन्होंने निरुक्त नाम से सबसे पहले वैदिक शब्दों का निर्वचन व व्याख्या की। संस्कृत के चार वैयाकरण सबसे प्रसिद्ध हैं:
यास्क
पाणिनि
कात्यायन
पतंजलि
संस्कृत के शब्दों की व्युत्पत्ति में उपर्युक्त वैयाकरणों के कार्यों का सन्दर्भ लिया जाता है। संस्कृत के इस अग्रग कार्य का सन्दर्भ लेकर आगे चलकर पश्चिमी विद्वानों ने भी व्युत्पत्तिशास्त्र का विकास किया।