"मेवाड़ की शासक वंशावली": अवतरणों में अंतर

No edit summary
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन उन्नत मोबाइल संपादन
No edit summary
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन उन्नत मोबाइल संपादन
पंक्ति 122:
 
 
| 31|| [[[मंथन सिंह]] ||– 1191 – 1211 ई० ||
|-
 
पंक्ति 180:
 
 
|45. ||[[राणा सांगा|महाराणा सांगा]] ( संग्राम सिंह ) || ( 1509 – 1527 ई० ) || महाराणा सांगा उन मेवाडी महाराणाओं में एक था जिसका नाम मेवाड के ही वही, भारत के इतिहास में गौरव के साथ लिया जाता है। महाराणा सांगा एक साम्राज्यवादी व महत्वाकांक्षी शासक थे, जो संपूर्ण भारत पर अपना अधिकार करना चाहते थे। इनके समय में मेवाड की सीमा का दूर – दूर तक विस्तार हुआ। महाराणा हिन्दु रक्षक, भारतीय संस्कृति के रखवाले, अद्वितीय योद्धा, कर्मठ, राजनीतीज्ञ, कुश्ल शासक, शरणागत रक्षक, मातृभूमि के प्रति समर्पित, शूरवीर, दूरदर्शी थे। इनका इतिहास स्वर्णिम है। जिसके कारण आज मेवाड के उच्चतम शिरोमणि शासकों में इन्हे जाना जाता है।
|-