"पठार": अवतरणों में अंतर
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भूमि पर मिलने वाले द्वितीय श्रेणी के स्थल रुपों में '''पठार''' अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं और सम्पूर्ण धरातल के 33% भाग पर इनका विस्तार पाया जाता हैं।अथवा धरातल का विशिष्ट स्थल रूप जो अपने आस पास की जमींन से पर्याप्त ऊँचा होता है,और जिसका ऊपरी भाग चौड़ा और सपाट हो पठार कहलाता है। सागर तल से इनकी ऊचाई 600 मीटर तक होती हैं लेकिन केवल ऊचाई के आधार पर ही पठार का वर्गीकरण नहीं किया जाता है।
2. सबसे बड़ा पठा र तिब्बत का पथहर है
== पठारों की उत्पत्ति के कारक ==
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