"बाराँ जिला": अवतरणों में अंतर

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== विवरण ==
सन् 1948 में संयुक्त राजस्थान के निर्माण के समय भी बाराँ एक जिला था। 31 मार्च 1949 को राजस्थान का पुनर्निर्माण हुआ और बाराँ जिला मुख्यालय को कोटा जिले का उपखण्ड मुख्यालय बनाया गया। 10 अप्रैल 1991 को पूर्व कोटा जिले से बाराँ जिले का निर्माण किया गया। बारां को प्राचीन काल में "वराह नगरी" के नाम से जाना जाता था। तथा वर्तमान में यह अन्नपूर्णा नगरी के नाम से भी प्रसिद्ध है। बारां चौदहवी व पन्द्रहवीं शताब्दी में सोलंकी राजपुतों के अधीन था। उस समय इसके अन्तर्गत १२ गाँव आते थे, इसलिए यह नगर बारां कहलाया। बारां [[समुद्र तल|समुद्रतल]] से २६२ मीटर की उँचाई पर कालीसिंध, पार्वती व परवन नदियों के बीच स्थित है। बारां जिला छह उपखण्डों - बारां, मांगरोल, अटरु, किशनगंज, शाहाबाद एवं छबडा तथा आठ तहसीलों - अंता, बारां, मांगरोल, अटरु, किशनगंज, शाहाबाद छबड़ा एवं छीपाबड़ौद में विभाजित है। बारां शहर में पानी की सप्लाई पार्वती नदी में स्थित हीकङदह से होती है। यह बाड़गंगा नदी के समीप स्थित है,जो कि परवन नदी की सहायक नदी है। बारां में (राज.) के सर्वाधिक सुरक्षित वन पाए जाते है।इस जिले के अंतर्गत है एक गांव पड़ता है, एकमात्र स्थान जहा सरस्वती माता की प्रतिमा की पीठ की पूजा होती है।
 
== इन्हें भी देखें ==