"मालवा भील कॉर्प": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
Rescuing 1 sources and tagging 0 as dead.) #IABot (v2.0.7 |
No edit summary टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन उन्नत मोबाइल संपादन |
||
पंक्ति 1:
'''मालवा भील कॉर्प''' की स्थापना सन् 1838 में की गई । मालवा भील कॉर्प को '''भील पल्टन''' के नाम से भी जाना जाता था। इसका प्रशिक्षण केंद्र [[इंदौर]] में था और मुख्यालय [[सरदारपुर]] में। भील कॉर्प का मुख्यालय समय समय पर बदलता रहा। एक प्रसिद्ध [[ब्रिटिश]] [[लेखक]] ने लिखा कि तत्कालीन [[समय]] में मालवा भील कॉर्प ने [[भारत]] [[देश]] में सर्वाधिक योगदान दियाा।<ref>{{Cite web|url=http://www.ptcindore.org/history.php|title=पी.टी.सी. इतिहास|website=www.ptcindore.org|access-date=2020-05-25|archive-url=https://web.archive.org/web/20181004044509/http://www.ptcindore.org/history.php|archive-date=4 अक्तूबर 2018|url-status=dead}}</ref>
ब्रिटिश सरकार का उद्देश्य [[पिंडारी | पिंडारियो ]] के विरूद्ध [[भील| भीलों]] को [[युद्ध]] में खड़ा करना था। भील [[प्रशिक्षण]] चाहते थे इसलिए वे कॉर्प में शामिल जरूर हुए लेकिन उन्हें [[ अंग्रेज|अंग्रेजो]] की [[गुलामी]] पसंद नहीं आई , इस कारण से भील , अंग्रज़ों के विरूद्ध खड़े हो गए और एक युद्ध हुआ जिसमें केवल 20 भीलों ने विद्रोह कर दिया
== यह भी देखे ==
|