"अशफ़ाक़ुल्लाह ख़ाँ": अवतरणों में अंतर
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== काकोरी केस के दीगर हालात ==
यह एक ऐतिहासिक सच्चाई है कि [[काकोरी काण्ड]] का फैसला ६ अप्रैल १९२७ को सुना दिया गया था। अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ और शचीन्द्रनाथ बख्शी को [[पुलिस]] बहुत बाद में गिरफ्तार कर पायी थी अत: स्पेशल सेशन जज जे०आर०डब्लू० बैनेट<ref>डॉ॰ एन० सी० मेहरोत्रा व मनीषा टण्डन ''स्वतन्त्रता आन्दोलन में शाहजहाँपुर जनपद का योगदान'' पृष्ठ-१३४</ref> की अदालत में
::'''"देखो अशफ़ाक़ भाई! तुम भी [[मुसलमान|मुस्लिम]] हो और अल्लाह के फजल से मैं भी एक [[मुसलमान|मुस्लिम]] हूँ इस बास्ते तुम्हें आगाह कर रहा हूँ। ये [[राम प्रसाद 'बिस्मिल'|राम प्रसाद बिस्मिल]] बगैरा सारे लोग [[हिन्दू]] हैं। ये यहाँ हिन्दू सल्तनत कायम करना चाहते हैं। तुम कहाँ इन काफिरों के चक्कर में आकर अपनी जिन्दगी जाया करने की जिद पर तुले हुए हो। मैं तुम्हें आखिरी बार समझाता हूँ, मियाँ! मान जाओ; फायदे में रहोगे।"'''
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