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बाज़ार-समाजवादी पीटर सेल्फ़ (Peter Self) भी समाजवादी केंद्रीयकृत अर्थव्यवस्था की भर्त्सना करते हुए तर्क देते हैं कि बराबरी लाने की कोशिश एक हद तक ही करना चाहिए, अथवा ज़ोर-ज़बरदस्ती करके व्यक्तिगत इच्छाओं का दमन होना निश्चित है।<ref name="Self" />
 
=== राजगोपालाचारी का मत ===
[[चित्र:Gandhi Rajagopalachari.jpg|thumb|right|[[गांधीजी]] के साथ [[चक्रवर्ती राजगोपालाचारी]]]]
अपने लघु निबन्ध "हमारा लोकतंत्र" में [[भारत]] के वरिष्ठ नेता [[चक्रवर्ती राजगोपालाचारी]] ने [[कांग्रेस]] के विरुद्ध एक [[दक्षिणपन्थी राजनीति|दक्षिणपन्थी]] विकल्प की आवश्यकता ज़ाहिर करते हुए कहा-<blockquote>चूँकि... कांग्रेस वामपंथ की ओर झुक गई है, ज़रूरत एक अति-वामपंथी या बहिर्वामपंथी गुट [जैसे CPI या प्रजा समाजवादी पार्टी, PSP] की नहीं, बल्कि एक शक्तिशाली और स्पष्ट दक्षिणपंथ की है<ref name="swatantraconservatismp74" /></blockquote>उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष को:<blockquote>पार्टी मीटिंग के बंद दरवाज़ों के पीछे छिपकर नहीं, बल्कि खुलकर और समय-समय पर काम न मतदाताओं के समक्ष कार्य करना चाहिए।<ref name="swatantraconservatismp74" /></blockquote>[[स्वतंत्र पार्टी]] की स्थापना करते हुए उन्होंने मूल दस्तावेज़ में २१ मूल सिद्धांत दिए।<ref name="swatantraconservatismp188">[[समाजवाद की समालोचना#Erdman|Erdman]], p. 188</ref> इस पार्टी का लक्ष्य समानता हासिल करना तो था, किंतु यह निजी क्षेत्र पर सरकारी नियंत्रण का विरोध करती थी।<ref name="swatantraconservatismp189">[[समाजवाद की समालोचना#Erdman|Erdman]], p. 189</ref><ref name="swatantraconservatismp190">[[समाजवाद की समालोचना#Erdman|Erdman]], p. 190</ref>
 
राजगोपालचरी ने अफ़सरशाही को जमकर लताड़ा। [[जवाहरलाल नेहरू|नेहरू]] की अनुमतियों और लाइसेंसों की जटिल प्रणाली, जो निजी उद्यम के विकास के मार्ग में बाधा बनती थी, उसके लिए उन्होंने "[[लाइसेंस-पर्मिट राज]]" शब्द गढ़ा।<ref name="swatantraconservatismp74" />
 
== नेतृत्व के भ्रष्टाचार के दावे ==
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* [[आर्थिक संतुलन]]
* [[मिश्रित अर्थव्यवस्था]]
* [[लाइसेंस-पर्मिट राज]]
 
== संदर्भ ==