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नाई जाति नंदवंश
प्रथम चक्रवर्ती सम्राट महापद्मनंद जोकि नाई जाति से थे इनके राजव्यवस्था अतित्तम थी, क्योंकि उनके समय मगध का राजस्व इतना पुष्ट था कि वह एक बड़े सैन्य बल का गठन कर सकते थे। तत्कालीन अभिलेखों से मिली सूचना के के अनुसार उनकी #सेना में ‘बीस हजार #घुड़सवार, दो लाख पैदल, चार घोड़ों वाले चार हजार रथ और तीन हजार हाथी थे।’ #नन्द पहले शासक थे, जिसने सेना को #राजधानी में रखने के बजाय सीमा क्षेत्रों में रखना जरुरी समझा था। सब से बढ़ कर यह कि जिस राष्ट्र की आजकल बहुत चर्चा होती है, उसकी #परिकल्पना पहली दफा महापद्मनंद ने ही की थी। एक-राट (एक राष्ट्र ) को उन्होने साकार किया था। वह स्वयं उसके प्रथम #सम्राट बने। हिमालय से लेकर समुद्र तक एक राष्ट्र की उनकी योजना थी
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