"जीवात्मा": अवतरणों में अंतर
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17:50, 5 अक्टूबर 2009 का अवतरण
जलचर थलचर और नभचर जीवों के जीवित रहने स्थिति में जीवात्मा का योग माना जाता है,ज्योतिष के अनुसार गुरु जो हवा का कारक है,जीव को वायु संचारण के द्वारा जीवन प्रदान करता है। सूर्य जो अपने प्रकाश और गर्मी के द्वारा सोचने समझने की आत्मीय शक्ति देता है,आत्मा कहलाता है,यह कथन "यथा ब्रह्माण्डे तथा पिण्डे" की कहावत के अनुसार माना जाता है।